चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां मेरे सतगुरु दीन दयाला कुर्बान जाऊं उस वेला सुहावा जित तुम्हरे द्वारे आया चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां मेरे सतगुरु दीन दयाला पार ब्रह्मा परमेश्वर सतगुरु आपे कर नेहारा चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां मेरे सतगुरु दीन दयाला चरण धूल तेरे सेवक मांगे तेरे दर्शन को बलेहारा चरण कमल तेरे धोए धोए …
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जय संतोषी माँ
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ-कहाँ है सँतोषी माँ ! अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ… जल में भी थल में भी, चल में अचल में भी, अतल वितल में भी माँ ! अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ… बड़ी अनोखी चमत्कारिणी, ये अपनी माई राई को पर्वत कर सकती, पर्वत को राई द्धार खुला दरबार खुला है, आओ …
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