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Tag Archives: taking

कबीरवाणीः प्रभु नाम का स्मरण के लिए समय नहीं, भाव चाहिए

एक बार संत कबीर से किसे ने पूछा, आप दिनभर कपड़ा बुनते हैं तो भगवान का स्मरण कब करते हैं? कबीर उसे लेकर झोपड़ी से बाहर आ गए और कहा कि यहां खड़े रहो। तुम्हारे सवाल का जबाव शायद में न दे सकूं, लेकिन उसे दिखा सकता हूं। कबीर ने दिखाया कि एक औरत पानी की गागर सिर पर रखकर …

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यहां मौजूद है मन की हलचल को दूर करने का अचूक उपाय

Here is the perfect remedy for the movement of mind

महात्मा बुद्ध अपने शिष्यों के संग जंगल से गुजर रहे थे। दोपहर को एक वृक्ष के नीचे विश्राम करने रुके। उन्होंने शिष्य से कहा, ‘प्यास लग रही है, कहीं पानी मिले, तो लेकर आओ।’ शिष्य एक पहाड़ी झरने से लगी झील से पानी लेने गया। झील से कुछ पशु दौड़कर निकले थे, जिससे उसका पानी गंदा हो गया था। उसमें …

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विचार देते हैं हौसला, समझदारी और शक्ति

दो तिनके एक नदी में गिर गए। दोनों एक ही हवा के झोंके से उड़कर एक ही साथ नदी तक आ पहुंचे थे। दोनों की परिस्थितियां समान थीं। परंतु दोनों की मानसिक स्थिति एक न थी। एक पानी में बह रहा था सुख-पूर्वक। तैरने का आनंद लेते हुए, तो दूसरे को किनारे पर पहुंचने की जल्दी थी। वह बड़े प्रयास …

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शर्म नहीं आए तब तक सीखते रहिए

शर्म नहीं आए तब तक सीखते रहिए

यूनानी दार्शनिक अफलातून के पास हर दिन कई विद्वानों का जमावड़ा लगा रहता था। सभी उनसे कुछ न कुछ ज्ञान प्राप्त करके जाया करते थे। लेकिन स्वयं अफलातून खुद को कभी भी ज्ञानी नहीं मानते थे। एक दिन उनके एक मित्र ने कहा, आपके पास दुनिया के बड़े-बड़े विद्वान कुछ न कुछ सीखने और जानने आते हैं और आपसे बातें …

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खोटे सिक्के भी हो जाते हैं अमर

निजामुद्दीन औलिया के एक शिष्य थे, उन्हीं की तरह त्याग और सादगी भी उन्हें पसंद थी। वे सब्जी उबाल कर बेचते थे और अपनी जीविका चलाते थे। गांव वाले श्रद्धावश सस्ती सब्जियां दे जाते और उन्हें वे उबाल कर ग्राहकों को खिलाते और थोड़ा बहुत धन अर्जित करते। इसके साथ ही सुबह-शाम प्रवचन भी करते। लेकिन लोग उन्हें खोटे सिक्के …

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