गुरुवार हम भी शरणागत हैं, स्वीकार करो तो जाने । अब हमे पतित से पावन सरकार करो तो जाने ॥ प्रेमी जन तुमको ध्याते, तुम भक्ति भाव वश आते । हम कुटिल हृदय से कलुषित, उपकार करो तो जाने ॥ गुरुवार हम भी… ज्ञानी तुम में तन्मय हैं, ध्यानी भी तुममे लय है । हम अज्ञानी चंचल चित्त, निस्तार करो …
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मैं तो कृष्ण हो गया !
भगवान ! मेरा उद्धार करो ! मेरी नौका पार लगाओ । मेरे पापों के बोझ से बस, यह डूबना ही चाहती है । बड़ी जीर्ण है यह, और फिर ऊपर से बोझ बेतौल है । विपरीत बयार बह रही है, चारों और घोर अंधकार छाया हुआ है, हाथों हाथ नहीं सूझता । खेने की कला भी नहीं मालूम । …
Read More »जीवन का मैंने सौंप दिया सब भार तुम्हारे हाथों
जीवन का मैंने सौंप दिया सब भार तुम्हारे हाथों में उद्धार पतन अब मेरा है सरकार तुम्हारे हाथों में . हम उनको कभी नहीं भजते वो हमको कभी नहीं तजते अपकार हमारे हाथों में उपकार तुम्हारे हाथों में जीवन का मैंने सौंप दिया सब भार तुम्हारे हाथों में हम पतित हैं, तुम हो पतित पावन हम नर हैं, तुम नारायण …
Read More »अब सौंप दिया इस जीवन का
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में… उद्धार पतन अब मेरा है भगवान तुम्हारे हाथों में … हम तुमको कभी नहीं भजते, फिर भी तुम हमें नहीं तजते. अपकार हमारे हाथों में, उपकार तुम्हारे हाथों में.. अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में… हम में तुम में है भेद यही, हम नर …
Read More »मैया तेरा बना रहे दरबार
मैया तेरा बना रहे दरबार बना रहे दरबार मैया तेरा तेरे पावन दर पे आके मैया हो सबका उद्धार मैया बना रहे दरबार प्रेम का दीपक ज्ञान की बाती मन मन्दिर में जले दिन राती मैया मिट जाये अंधकार मैया बना रहे दरबार गहरी नदिया, नाव पुरानी जीवन की यह अथक कहानी तू ही खेवनहार मैया बना रहे दरबार जो …
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