चैत्र के नवरात्र में शक्ति की उपासना तो प्रसिद्ध ही है, साथ ही शक्तिधर की उपासना भी की जाती है । उदाहरणार्थ एक ओर देवीभागवत, कालिकापुराण, मार्कण्डेयपुराण, नवार्णमंत्र के पुरश्चरण और दुर्गापाठ की शतसहस्त्रायुतचण्डी आदि होते हैं तो दूसरी ओर श्रीमद्भागवत, अध्यात्म – रामायण, वाल्मीकीय रामायण, तुलसीकृत रामायण, राममंत्र पुरश्चरण, एक तीन पांच सात दिन की या नवाह्निक अखण्ड रामनामध्वनि …
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