यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ, मत पूछो कहाँ-कहाँ है सँतोषी माँ ! अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ… जल में भी थल में भी, चल में अचल में भी, अतल वितल में भी माँ ! अपनी सँतोषी माँ, अपनी सँतोषी माँ… बड़ी अनोखी चमत्कारिणी, ये अपनी माई राई को पर्वत कर सकती, पर्वत को राई द्धार खुला दरबार खुला है, आओ …
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कालीय नाग यमुना जी में क्यों रहता था?
एक बार पक्षियों की माता विनता और सर्पों की माता कद्रू ने शर्त लगाई। विनता ने कहा कि सूर्य के रथ के घोड़े सफेद हैं और कद्रू ने कहा कि सूर्य के रथ के घोड़े काले हैं। दोनों ने सहमति की कि जो भी जीतेगी, दूसरी उसकी दासी बनकर सेवा करेगी। इस शर्त के कारण कद्रू के पुत्र सूर्य के …
Read More »क्या बनेंगे ये ?
यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर ने अपने विद्यार्थियों को एक एसाइनमेंट दिया। विषय था मुंबई की धारावी झोपड़पट्टी में रहते 10 से 13 साल की उम्र के लड़कों के बारे में अध्यन करना और उनके घर की तथा सामाजिक परिस्थितियों की समीक्षा करके भविष्य में वे क्या बनेंगे, इसका अनुमान निकालना। कॉलेज विद्यार्थी काम में लग गए। झोपड़पट्टी के 200 बच्चो के घर की पृष्ठभूमिका, …
Read More »अतिपरिचय अवज्ञा भवेत : प्रेरक प्रसंग
एक बार गोस्वामी तुलसीदासजी काशी में विद्वानों के बीच भगवत चर्चा कर रहे थे। तभी दो व्यक्ति – जो तुलसीदासजी के गाँव से थे , वहाँ आये। ऐसे तो वे दोनों गंगास्नान करने आये थे। लेकिन सत्संग सभा तथा भगवद वार्तालाप हो रहा था तो वे भी वहाँ बैठ गए। दोनो ने ने उन्हें पहचान लिया। वे आपस में बात करने लगे। एक ने …
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