बिगड़ी हुवी तक़दीर को, एक भर बनाओ तुम तुम को दयालु कहते है, हम फार भी ..दया कारू भक्ती का धन दो हमे, भाव से फार कराधो तुम साथी नही कोई मेरा, दर्द जिशे सुमनाऊ में दर्द तुम्हे सुना रहे, दर्द मेरा मिताधो तुम कैसे लगेगी पार ये, नैया मेरे तेरे बगार भरम भार विनय करू, भाव से फार कराधो …
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आओ मनमोहना, आओ नंदनंदना
आओ मनमोहना, आओ नंदनंदनागोपियों के प्रंधूं, राधाजी के रमना—2 लालन एक विनय सुनिए-2अब मेरी गलियाँ करके,हँसत टर सुनाए गाईएनागाइए तो आधारो धरके,मुरली, यह मंद बजाईएनासराईए ना अर प्रेम विरह——-2पुनी आइए टीवी, फिर जाइएनाआओ मनमोहना– —————— कजरारी तेरी आँखों मई,मेरे श्याम, मेरे कनहीा ——-2कजरारी तेरी आँखों मई,क्या भरा हुया कुछ टोना है——-2तेरा तो हसन, औरो का मारन —–2बस जान-हाथ से धोना …
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