सूफी फकीर जुन्नैदा से किसी ने पूछा, ‘खुदा है तो दिखाई क्यों नहीं देता?’ जुन्नैदा ने कहा, ‘खुदा कोई वस्तु नहीं है। वह अनुभूति है।’ उसे देखने के लिए कोई उपाय नहीं है। हां, उसे अनुभव जरूर किया जा सकता है। फकीर की ये बातें उस व्यक्ति को संतुष्ट नहीं कर सकीं। उसने फिर कहा, ‘ऐसा कैसे है? क्या ये …
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ऐसे की जाती है स्वयं की ब्रांडिंग
हकीम लुकमान ने एक दिन अपने बेटे को पास बुला कर धूपदान की ओर इशारा किया। इशारे को समझ बेटा धूपदान में से एक मुट्ठी चंदन और फिर लुकमान ने दूसरा इशारा किया। इशारा समझ बेटा दूसरे हाथ में चूल्हे में से कोयला ले आया। लुकमान ने फिर इशारा किया कि दोनों को फेंक दो। बेटे ने दोनो को फेंक …
Read More »हर किसी पर होती है वासना की परत
एक बार एक धनी व्यक्ति किसी फकीर के पास गया। उसने कहा, मैं प्रार्थना करना चाहता हूं। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद प्रार्थना नहीं कर पाता हूं। मुझमें अंदर ही अंदर वासना बनी रहती है। चाहे कितनी आंखें बंद कर लूं। लेकिन परमात्मा के दर्शन नहीं होते हैं। तब फकीर उस व्यक्ति को एक खिड़की के पास ले गया। जिसमें …
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