ये आँखे बरस रही मेरी कन्हिया आया नमिल्न को तरस रही बैरी कन्हियाँ आया नवादे सारे टूट गए है काहे कन्हिया रूठ गए हैफिर भी मैंने प्यार तेरा ना भूलाया है,ये आँखे बरस रही मेरी कन्हिया आया न क्यों ये जुदाई का गम साहा जायेनाक्यों इक पल भी चैन मुझको अब आये नतेरे संग जो वक़्त बिताया याद मुझे वो …
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