अब कह तो काम दहा म्हारी भी बनाओ ना बिगड़ी सबकी बनाई बनी बनी का सब कोई साथी , बिगड़ी में कोई काम ना आवेबिगड़ी मैं तो वहीं बनेगा, जाके सर पर दीनानाथ बहाई रे भक्त पहलाद की ऐसी बनाई, अगनजाल से लियो बचाएध्रुव रे भगत को तेने, राज दिल आया रे पाप की हत्या लखीना जावे, जो लिख दी …
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