एक बार वृन्दावन में एक संत हुए कदम्खंडी जी महाराज। उनकी बड़ी बड़ी जटाएं थी। वो वृन्दावन के सघन वन में जाके भजन करते थे।एक दिन जा रहे थे तो रास्ते में उनकी बड़ी बड़ी जटाए झाडियो में उलझ गई। उन्होंने खूब प्रयत्न किया किन्तु सफल नहीं हो पाए और थक के वही बैठ गए और बैठे बैठे गुनगुनाने लगे। …
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करुणामई किशोरी
राधे….राधे राधे करुणामई किशोरी तुम तो बड़ी हो भोरीबिन पाप पुण्य देखे आती हो दौड़ी दौड़ीराधे….राधे राधे हम जैसो को शरण दी एहसान है तुम्हारातुम सा दयालु श्यामा देखा नहीं दोबाराऐसी कृपा करो अब बन जाऊं तेरी चेरीबिन पाप पुण्य देखे आती हो दौड़ी दौड़ीराधे….राधे राधे विनती है इतनी तुमसे चारो से ना हटानाचरणों से हट गए तो नहीं और …
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