कृष्ण नाम की रंगी चुनरियाअब रंग दूज भाये ना बोझा भारी रैन आहारीजाउ कहा मैं कृष्ण मुरारी,हठ पकड़ी है मेरे दिल ने,और के द्वारे जाए नाकृष्ण नाम की लोक लाज मैं तजजी सावरियाबन बन डोलू बन के बावरिया।। लोक की लाज और परलोक कीसब तजके ग्रीह काज भजूंगी।चाहे कलंक लगेरी मोहे सजनीमैंतो प्रियतम प्यारे के संग रहूंगी, लोक लाज मैं …
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