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Tag Archives: क्रोध

इसीलिए ‘क्रोध’ बुद्धि को खा जाता है

why we should control anger

एक राजा था। उसे पक्षी पालने का बड़ा शौक था। उसने एक सुंदर चकोर पक्षी को पाला। एक बार की बात है, राजा वन में शिकार के लिए गया। वहां राजा रास्ता भटक गया। उसे बहुत प्यास लगी। राजा को दूर चट्टान से पानी रिसता दिखाई दिया। राजा ने उस रिसते हुए पानी के नीचे एक प्याला रख दिया। चकोर …

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एक बरगद के पेड़ की मार्मिक कहानी

Banyan tree

बरगद का पेड़ कोcमें पवित्र वृक्ष मना गया है। ऐसा ही एक बरगद का वृक्ष एक गांव में था। स्त्री हों या पुरुष त्योहारों पर उसकी पूजा करते थे। समय बीतता गया और वृक्ष बढ़ता गया। बरगद का वृक्ष बहुत पुराना हो गया तो उसकी डालियां सूखने लगीं और टूटकर बिखरने लगीं। बरगद के वृक्ष की हालत को मद्देनजर ऱखते …

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आदमी की शादी बुद्धिमान स्त्री से हुई।

man-got-married-to-a-wise-woman

आदमी की शादी बुद्धिमान स्त्री से हुई। अमीर हमेशा अपनी बीवी से तर्क और वाद-विवाद मेँ हार जाता था। बीवी ने कहा की स्त्रिया मर्दो से कम नहीँ.. अमीर ने कहा मैँ दो वर्षो के लिये परदेश चला जाता हुँ। एक महल,बिजनेस मेँ मुनाफा और एक बच्चा पैदा करके दिखा दो। आदमी परदेश चला गया बीवी ने सारे कर्मचारियोँ मेँ …

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गुरु बिन कौन बतावे

Ye Jag Dukh Ka Mela Hai Bhajan

  भ्रान्ति की पहाड़ी, नदिया बीच में अहंकार की लाट । बड़ा विकिट यम घाट… काम क्रोध दो पर्वत ठाड़े, लोभ चोर संघात । बड़ा विकिट यम घाट… मद मक्षर का मेधा बरसत माया पवन बह जाए बड़ा विकिट यम घाट… कहत कबीर सुनो भाई साधो, क्यों तरना यह घाट बड़ा विकिट यम घाट…   bhraanti kee pahaadee , nadiya …

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इर्ष्या , क्रोध और अपमान

Irṣyaa , krodh aur apamaan

टोकियो के निकट एक महान ज़ेन मास्टर रहते थे , वो अब वृद्ध हो चुके थे और अपने आश्रम में ज़ेन बुद्धिज़्म की शिक्षा देते थे .एक नौजवान योद्धा , जिसने कभी कोई युद्ध नहीं हारा था ने सोचा की अगर मैं मास्टर को लड़ने के लिए उकसा कर उन्हें लड़ाई में हरा दूँ तो मेरी ख्याति और भी फ़ैल जायेगी …

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मूर्ख कछुआ(Moorkh kachhuaa)

Moorkh kachhuaa

बहुत समय पहले की बात है, गाँव के किनारे किसी तालाब में एक कछुआ रहता था। उसी तालाब के किनारे दो बगुलों का जोड़ा भी रहता था। वो अक्सर तालाब में पानी पीने के लिए आते थे और कछुवे के साथ कुछ बाते भी कर लेते थे। कुछ ही दिनों बाद तीनों में अच्छी दोस्ती हो गई। अब तीनों मिलकर …

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बीता हुआ कल

Shistha Sabse Bari Sifarish

बुद्ध भगवान एक गाँव में उपदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि “हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील तथा क्षमाशील होना चाहिए. क्रोध ऐसी आग है जिसमें क्रोध करनेवाला दूसरोँ को जलाएगा तथा खुद भी जल जाएगा.” सभा में सभी शान्ति से बुद्ध की वाणी सून रहे थे, लेकिन वहाँ स्वभाव से ही अतिक्रोधी एक ऐसा व्यक्ति भी …

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हार-जीत-का-फैसला!

Haar-jeet-kaa-faisalaa

बहुत समय पहले की बात है। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ मेँ निर्णायक थीँ- मंडन मिश्र की धर्म पत्नी देवी भारती। हार-जीत का निर्णय होना बाक़ी था, इसी बीच देवी भारती को शाश्त्रार्थ किसी आवश्यक कार्य से कुछ समय के लिये बाहर जाना पड़ गया। लेकिन जाने से पहले देवी भारती नेँ दोनोँ ही विद्वानोँ …

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मगर ईश्वर पर मुझे भरोसा नहीं आता: ओशो

मैंने सुना. पुरी के शंकराचार्य दिल्ली में ठहरे हुए थे। और एक आदमी ने खड़े होकर उनसे जिज्ञासा की कि मैं खोजी हूं। मगर ईश्वर पर मुझे भरोसा नहीं आता, विश्वास नहीं होता। मुझे भरोसा दिलवाइए। कुछ ऐसा प्रमाण दीजिए कि ईश्वर है। और पता है, शंकराचार्य ने क्या कहा! शंकराचार्य ने उस आदमी की तरफ क्रोध से देखा और …

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नाम जपन क्यों छोड़ दिया

नाम जपन क्यों छोड़ दिया क्रोध न छोड़ा झूठ न छोड़ा सत्य बचन क्यों छोड दिया झूठे जग में दिल ललचा कर असल वतन क्यों छोड दिया कौड़ी को तो खूब सम्भाला लाल रतन क्यों छोड दिया जिन सुमिरन से अति सुख पावे तिन सुमिरन क्यों छोड़ दिया खालस इक भगवान भरोसे तन मन धन क्यों ना छोड़ दिया नाम …

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