एक सेठ जी बहुत ही दयालु थे । धर्म-कर्म में यकीन करते थे । उनके पास जो भी व्यक्ति उधार मांगने आता, वे उसे मना नहीं करते थे । सेठ जी मुनीम को बुलाते और जो उधार मांगने वाला व्यक्ति होता उससे पूछते कि भाई ! तुम उधार कब लौटाओगे ? इस जन्म में या फिर अगले जन्म में जो …
Read More »Tag Archives: चोर
तैनू ना कवां ते दस् होर किन्नू कवां
जे माँ दुःख सब दे हरदी ए, ते सानु ना क्यों करदी ए । दुःख डाडे मैं हाँ कमजोर किन्नू कवां, तैनू ना कवां, ते दस् होर किन्नू कवां । महारानीए साडी वी सुने ता तैनू जानिए ॥ जागदे नसीब मेरे किवे सो गए, सुख चैन सारे मेरे चोरी हो गए । तुहिओ दस दातीये नी चोर किन्नू कवां, तैनू …
Read More »मन की आवाज
किसी गांव के किनारे एक मंदिर था, मंदिर में एक साधु रहता था। गांव में एक चोर भी रहता था। चोर खाते पीते घर का बेटा था। चोर हो गया तो जिंदगी भी चोर की ही घसीटनी पड़ रही थी। किसी ने उसकी शादी नहीं की। चोर अपने ही गांव में हाथ मारता था, लोग उसे कबाड़ी चोर कहते थे। …
Read More »