राजा कृष्णदेव राय दूर-दूर तक मशहूर थे। तेनालीराम ने भी राजा कृष्णदेव राय के चर्चे खूब सुने थे। तेनाली ने सुना था कि राजा चतुर और बुद्धिमानों का सम्मान करते हैं। इसलिए, उसने सोचा कि क्यों न राज दरबार में जाकर हाथ आजमाया जाए। लेकिन, इसमें एक अड़चन थी कि बिना किसी बड़ी मदद के वो वहां तक पहुंच नहीं …
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