चर्ण पखारे बिना जाने नहीं दूँगी विनती करू गी पहिया पडू गी विरहा की आग में अब न जलुगी हाथ जोड़ कर बस यही कहुगी चर्ण पखारे बिना जाने नहीं दूँगी
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प्रेमियों प्रेम से बोलो गोविन्द हरे हरे
प्रेमियों प्रेम से बोलो गोविन्द हरे हरे,गोविन्द हरे हरे गोपाल हरे हरे….. मेरे सोने सावरे दा रूप निराला है,माथे पे तिलक सोहे गल बैजंती माला है,प्रेमियों प्रेम से बोलो…… मेरे सोने सावरे दा सोहना सोहना मुखड़ा है,दर्शन करके ओहदा मिट जन्दा सब दुखड़ा है,प्रेमियों प्रेम से बोलो……… मेरे सोने सावरे दा वृन्दावन डेरा है,जितना भजन करो उतना ही थोरा है,प्रेमियों …
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