एक बार एक कंजूस सेठ करोड़ी मल था। कंजूसी में उसका हाल ऐसा की चमड़ी जाए पर दमड़ी ना जाए। वह #श्रीकृष्ण का भक्त था। एक बार वह संत के पास गया और कहने लगा कि महाराज कोई ऐसा उपाय बताए जिससे मैं श्री कृष्ण की सेवा भी कर सकूं और मेरा कोई पैसा भी ना लगे।संत जी उसकी कंजूसी …
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सेवा से भौतिक लाभ
सत्यराम 🙋🏻यदि कोई व्यक्ति भक्ति सेवा से भौतिक लाभ चाहता है, तो कृष्ण ऐसी भौतिकवादी इच्छाओं की निंदा करते हैं। भक्ति सेवा में संलग्न रहते हुए भौतिक ऐश्वर्य की इच्छा करना मूर्खता है। यद्यपि व्यक्ति मूर्ख हो सकता है, कृष्ण, सर्व-बुद्धिमान होने के नाते, उसे अपनी भक्ति सेवा में इस तरह संलग्न करते हैं कि वह धीरे-धीरे भौतिक ऐश्वर्य को …
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