सांवरिया मन भाये गेयो रेचित चोर म्हारा चित चुराये गेयो रेसांवरिया मन भाये गेयो रे…… माखन चोर है चित को चुरातासब के मन को ये है बहाता ,बंसुरिया अपनी बजाए गयो रेसांवरिया मन भाये गेयो रे….. अपनी कला से ये मन सब का मोहेइसकी अदा मैं बताऊ कैसे तोहेअपनी अदा में फसाए गयो रेसांवरिया मन भाये गेयो रे….. मोर मुकट …
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