Breaking News

तन में कान्हा मन में कान्हा

तन में कान्हा मन में कान्हा मेरे अंग अंग में है कान्हा
दिल धडके मेरा जब लोग पुकारे कान्हा……

मेरी छोटी सी कुटियाँ तुझसे है मेहल बनी
पाके तुझे ये भिखारिन मेहलो  की रानी बनी
साथ तेरा हाथ तेरा सिर पे सदा रखना कान्हा
कान्हा मेरे कान्हा….

मेरे घर का सुखा सा भोजन तूने इतने प्रेम से खाया
बन गया वो भोग छपन हाथ जब तूने लगाया
किरपा तेरी बरसती रहे रहे मेरे ऐसे कर्म
कान्हा मेरे कान्हा………

ओ नंद दुलारे आजा, तुम्हे भक्त पुकारे आजा
तुम हो भक्तो के सखा, ज्ञान गीता का सुना

ओ कुंज बिहारी आजा……….
ओ नंद दुलारे आजा……………

तेरे दर्श बिना हम दुखी हो रहे, हो रहे
झूठ, पाप में हम लीन हो रहे, हो रहे
ऎसी भक्तों की पुकार सुननी होगी बार-बार
ओ श्यामा तू दर्श दिखा जा
ओ नंद दुलारे आजा……

गउओ की बुरी दशा हो रही, हो रही
तेरी याद में श्यामा रो रही, रो रही
ऎसी बंसी तु बजा, इन्हें दुष्टो से बचा
इनका तु कष्ट मिटा जा
ओ नंद दुलारे आजा………

द्रुपद सुता की लाज बचा, लाज बचा
जो थी सभा में आन गिराई, आन गिराई
उसका चीर बढ़ा, उसकी लाज बचा
ओ नंद दुलारे आजा……

Check Also

bhandara

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना चाहिए

भंडारे या लंगर का प्रसाद खाना या नहीं? धार्मिक स्थलों पर आयोजित भंडारे ने निर्धनों को सहारा देते हैं, लेकिन सक्षम व्यक्ति के लिए सेवा या....