अमर एक multi national company का ग्रुप लीडर था। काम करते-करते उसे अचानक ऐसा लगा की उसके टीम में मतभेद बढने लगे हैं। और सभी एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हुए हैं। इससे निबटने के लिए उसने एक तरकीब सोची।
उसने एक meeting बुलाई और team members से कहा –
Sunday को आप सभी के लिए एक साइकिल race का आयोजन किया जा रहा है। कृपया सब लोग सुबह सात बजे अशोक नगर चौराहे पर इकठ्ठा हो जाइएगा।
तय समय पर सभी अपनी-अपनी साइकलों पर इकठ्ठा हो गए।
अमर ने एक-एक करके सभी को अपने पास बुलाया और उन्हें उनका लक्ष्य बता कर स्टार्टिंग लाइन पर तैयार रहने को कहा। कुछ ही देर में पूरी टीम रेस के लिए तैयार थी, सभी काफी उत्साहित थे और रूटीन से कुछ अलग करने के लिए अमर को थैंक्स कर रहे थे।
अमर ने सीटी बजायी और रेस शुरू हो गयी।
Boss को impress करने के लिए हर कोई किसी भी कीमत पर रेस जीतना चाहता था। रेस शुरू होते ही सड़क पर अफरा-तफरी मच गयी… कोई दाएं से निकल रहा था तो कोई बाएँ से… कई तो आगे निकलने की होड़ में दूसरों को गिराने से भी नहीं चूक रहे थे।
इस हो-हल्ले में किसी ने अमर के निर्देशों का ध्यान ही नहीं रखा और भेड़ चाल चलते हुए सबसे आगे वाले साइकिलिस्ट के पीछे-पीछे भागने लगे।
पांच मिनट बाद अमर ने फिर से सीटी बजायी और रेस ख़त्म करने का निर्देश दिया। एका -एक सभी को रेस से पहले दिए हुए निर्देशों का ध्यान आया और सब इधर-उधर भागने लगे। लेकिन अमर ने उन्हें रोकते हुए अपने पास आने का इशारा किया।
सभी बॉस के सामने मुंह लटकाए खड़े थे और रेस पूरी ना कर पाने के कारण एक-दूसरे को दोष दे रहे थे।
अमर ने मुस्कुराते हुए अपनी टीम की ओर देखा और कहा-
“अरे क्या हुआ? इस टीम में तो एक से एक चैंपियन थे पर भला क्यों कोई भी व्यक्ति इस अनोखी साइकिल रेस को पूरा नहीं कर सका”
अमर ने बोलना जारी रखा- “मैं बताता हूँ क्या हुआ….दरअसल आप में से किसी ने भी अपने लक्ष्य की तरफ ध्यान ही नही दिया। अगर आप सभी ने सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान दिया होता तो आप सभी विजेता बन गये होते , क्योंकि सभी व्यक्ति का target अलग-अलग था। सभी को अलग-अलग गलियों में जाना था। हर किसी का लक्ष्य भिन्न था। आपस में कोई मुकाबला था ही नही।
लेकिन आप लोग सिर्फ एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगे रहे, जबकि आपने अपने लक्ष्य को तो ठीक से समझा ही नही। ठीक यही माहौल हमारी टीम का हो गया है। आप सभी के अंदर वह अनोखी बात है, जिसकी वजह से टीम को आप की जरुरत है। लेकिन आपसी unhealthy competition के कारण ना ही टीम और ना ही आप का विकास हो पा रहा है। आने वाला आपका कल, आपके हाथ में है। हम या तो एक-दूसरे की ताकत बन कर एक-दूसरे को विकास के पथ पर ले जा सकते है या आपसी competition के चक्कर में अपना और दूसरों का समय व्यर्थ कर सकते है।
मेरी आप सबसे यही request है कि एक individual की तरह नहीं बल्कि एक team की तरह काम करिए…याद रखिये individual performer बनने से कहीं ज्यादा ज़रूरी एक team-player बनना है।”
Thanks
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Amar was a group leader of a multi national company. While doing work, he suddenly felt that differences in his team have started to increase. And all are engaged in showing humiliation to each other. To counter this he thought a trick
He convened a meeting and told the team members –
A bicycle race is being organized for you all on Sunday. Please everyone will be gathered at Ashok Nagar intersection at 7 in the morning.
At the appointed time everyone gathered on their own bicycles.
Amar called everyone to one by one and told them to be prepared on the start line by telling them their goal. In a short while the whole team was ready for the race, all were very excited and thanks to Amar for separating something from routine.
Amar started whistle and started the race.
To impress Boss, everyone wanted to win the race at any cost. On the road as soon as the race started, a rumor broke out on the road … someone was leaving from right to left, some from the left … some were not even trying to throw others out in the race to get ahead.
In this incident, nobody took care of the instructions of Amar and the sheep were running behind and running behind the cyclist.
Five minutes later, Amar again played the whistle and instructed him to finish the race. Each one got the attention of the instructions given before the race and all started to run around. But Amar, pointing to him coming to him while stopping them.
All the bosses stood in front of the boss and were blaming each other due to the failure of the race.
Amar looked at his team smiling and said-
“What happened? There was one champion in this team but why could not anybody complete this unique cycle race ”
Amar continued to say- “I tell you what happened …. Actually none of you gave attention to your goal. If all of you had just paid attention to your goal then you would have all become the winner because everyone’s goal was different. Everyone had to go in different alleys. Everyone’s goal was different. There was no competition between each other.
But you were just trying to humiliate each other, while you did not understand your goal properly. The same environment has become of our team. That is the unique thing in all of you, due to which the team needs you. But due to mutual unhealthy competition, neither team nor you are able to develop. Your tomorrow is in your hands. We can either take each other to the path of development by becoming the strength of each other or waste time of others and others in the face of mutual competition.
My only request is to do things like a person, not a person, but to work as a team … Remember to be a more team player than becoming a personal performer. ”
Thanks