तेरे काले काले नैन मतवाले,
ओ मुरली वाले चुराके मेरा चैन ले गए
मीठी बातो से मुझको रिजाये
रे मखन लगाये
के तेरी कोई पेश न चले
झूठी तुम्हे लगती है क्यों बाते हमारी
मन में वसी है कान्हा छवि बस तुम्हारी
राधा तेरी बातो में न मैं आने वाला,
तुम ही चिडाती हो कह कर के काला
काले काले रंग ने किया है कैसा जादू
बेहक न जाए राधा करो मन काभू,
मैं सच ही बताऊ तोहे कान्हा ओ मेरे घनश्यामा
जुदाई अब राधा न सहे
मीठी बातो से मुझको रिजाये
प्रीत में राधे दुःख पड़ता है सेहना मेरा नही ये सारे जग का है केहना,
तेरे बिना तो मोहन मैं न रहूगी,
संग तेरे मिल कर मैं तो सब दुःख सहु गी
राधा फिर कहे की करती हो देरी,
हां श्याम तू मेरा और मैं हु तेरी
तेरा मेरा ये प्रेम अमर है तो काहे का डर है जमाना चाहे कुछ भी कहे,,,,,,,