तेरी चुनरी जब लहराए मधुवन में बहारे आती है,
तू बंसी जब भी बजाए सुन सखिया खिची चली आती है,
राधा तेरी आख का ये काजल करता है मेरे दिल को घ्याल
कान्हा तेरी बंसी का हीरा इस ने है मेरे दिल को छीना,
तू चूड़ी जब खनकाए मधुवन में बहारे आती है
तेरी चुनरी जब लहराए|
राधे हिरनी सी चाल तेरी मेरे दिल को बहुत ही बाती है,
कान्हा तेरी लट ये घुंगराली मेरे दिल घयल कर जाती है
छम छम प्याल तू भजाए
मधुवन में बहारे आती है|
जल्दी आजा यमुना पे तू वरना ये सांझ ढल जाए गी,
कैसे आऊ तो से मिलने को ये दुनिया हसी उड़ाएगी
हो चन्दन बंधन खुल जाए
मधुवन में बहारे आती है……..