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तेरी तस्वीर से लिपट कर बहुत रोता है


तू क्या जाने ये जब जमाना दुखी होता है,
तेरी तस्वीर से लिपट कर बहुत रोता है,

कौन सुनता है याहा किससे फरयाद करे
नाम बस लेके तेरा तुझको ही याद करे
तेरे चरणों में वो दो अनसु वहा लेता है,
तेरी तस्वीर से लिपट कर बहुत रोता है,

टुटा है जब दिल टूट जाते है बरम,
जान जाता है वो तेरी दुनिया का चलन
हारने वालो का कोई भी नही होता है
तेरी तस्वीर से लिपट कर बहुत रोता है,

आंसुओ से उस के तू भी पिघल जाएगा
अपनी तस्वीर से तू श्याम निकल आएगा
श्याम अरमान उसके दिल में यही होता है
तेरी तस्वीर से लिपट कर बहुत रोता है,,,,,,,,,,,,,,,

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