बोधिसत्व (बुद्धत्व पाने के लिये बौधिसत्व को दस अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। उस व्यक्ति के बोधिसत्व कहा जाता है। बोधिसत्व किसी व्यक्ति का नाम भी हो सकता है।) का जन्म वाराणसी के बंजारों के यहां हुआ था। उस समय बंजारों का काम था खाने पीने और जरूरत में आने वाली अन्य वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना।
एक दिन युवा बोधिसत्व को 500 बैल गाड़ियों में सामान भरकर बेचने के लिए दूसरे शहर भेजा गया। तब उन्होंने अपने सभी साथियों से कहा, यदि आप में से कोई भी ऐसी वस्तु देखो जो पहले नहीं खाई हो, तो मुझसे पूछे बगैर मत खाना। क्योंकि ऐसी वस्तुओं में लुटेरे विष भर देते हैं। जिनको खाने से मृत्यु भी हो सकती है।
यह बात कहने के बाद कारवां चल पड़ा। वह सभी वन मार्ग से जा रहे थे। वहां गुंबिया नाम का एक यक्ष रहता था। जो मार्ग में इस तरह के भोज्य पदार्थों को सजाकर रखता था। जिसे खाने के बाद लोग बेहोश हो जा थे और ज्यादा समय तक उपचार न मिले तो वो मर भी सकते थे। इतना समझाने के बाद बोधिसत्व के साथ चलने वाले कुछ साथियों ने असंयम के कारण उन फलों को खा लिया और वो बेहोश हो गए।
जब काफी देर बाद वह दिखाई नहीं दिए तो उनकी खोज की गई जहां वह अचेत पाए गए। बोधिसत्व ने उन्हें वमन( उल्टी) करवाया तब वह जीवित बच सके। इस तरह उन्हें नया जीवन मिला।
संक्षेप में
जीवन एक यात्रा है। यहां कई तरह के विषय भोग हैं, जिनमें तीक्ष्ण विष होता है। बुद्धिमान व्यक्ति महापुरुषों के अनुभव से लाभ उठाते हैं और स्वयं पर नियंत्रण रखते हुए शांतिपूर्ण तरीके से जीवन यापन करते हैं। जो व्यकित यह आत्मसंयम छोड़ देता है वह इस संसार में दुख भोगता है।
Hindi to English
Bodhisattva (Buddhism has to go through ten states to attain Buddha, that is called Bodhisattva of a person. Bodhisattva may also be the name of a person). It was born in Varanasi’s Banjars. At that time, the work of Banjars was to eat food and to bring other items needed in one place to another.
One day the young Bodhisattva was sent to another city to fill in 500 bullock carts and sell it. Then he said to all his companions, If any of you see such an item which has not been eaten before, then do not eat without asking me. Because the robbers fill the poison in such things. Those who can die from eating.
After saying this, the caravan was running. They were all going by the forest route. There was a lover named Gumbia. The way the food was used to decorate such food items. Those people who had become unconscious after eating and could not get treatment for long, they could die. After explaining this, some of the companions who went with Bodhisattva ate the fruits due to incontinence and they became unconscious.
When they did not appear after a long time, they were discovered, where they found unconsciousness. When Bodhisattva gave them vomiting (vomiting) then he could survive. This way they got a new life.
in short
Life is a journey. There are many types of subjects here, which have sharp poison. The wise people benefit from the experience of great men and keep their lives in peaceful manner by controlling themselves. The person who leaves this self-restraint feels his suffering in this world.