वसंत पंचमी को अबुझ मुहूर्त रहता है अर्थात बिना पंचांग देखे ही कोई भी शुभ कार्य प्रारंभ कर सकते है। ज्योतिष में पांचवी राशि के अधिष्ठाता भगवान सूर्यनारायण होते है। इसलिए वसंत पंचमी अज्ञान का नाश करके प्रकाश की ओर ले जाती है। इसलिए सभी कार्य इस दिन शुभ होते है।पंडित धर्मेन्द्र शास्त्री वसंत पंचमी के बारे में बताते हैं कि इस दिन विद्यार्थी, शिक्षक एवं अन्य सभी देवी सरस्वती का पूजन करें। गरीब छात्रों को पुस्तक, पेन, आदि विद्या उपयोगी वस्तु का दान करें। सरस्वती मंत्र का जाप करें कई स्थानों पर सामूहिक सरस्वती पूजन के भी आयोजन होते है।
इस दिन शक्तियों के पुनर्जागरण होता है। बसंत पंचमी के दिन सबसे अधिक विवाह होते एवं इस दिन गृह प्रवेश, वाहन क्रय, भवन निर्माण प्रारंभ, विद्यारंभ ग्रहण करना, अनुबंध करना, आभुषण क्रय करना व अन्य कोई भी शुभ एवं मांगलिक कार्य सफल होते है।
वसंत पंचमी की विशेषताएं…
– माघमाह:-इस महिने को भगवान विष्णु का स्वरूप बताया है।
– शुक्ल पक्ष:-इस समय चन्द्रमा अत्यंत प्रबल रहता है।
– गुप्त नवरात्रीः-सिद्धी,साधना,गुप्तसाधनाके लिए मुख्य समय
– उत्तरायण सूर्यः-देवताओं का दिन इस समय सूर्य देव पृथ्वी के निकट रहते है।
– वसंत ऋतु:-समस्त ऋतुओं की राजा इसे ऋतुराज वसंत कहते है यह सृष्टि का यौवनकाल होता है।
– सरस्वती जयंतीः ब्रह्मपुराण के अनुसार देवी सरस्वती इस दिन ब्रह्माजी के मानस से अवतीर्ण हुई थी।
सरस्वती मंत्र: ऊं ऐं सरस्वत्यै नमः
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