क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल?
प्राचीन मान्यता है की शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए हर शनिवार को शनि देव को तेल चढ़ाना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करते है उन्हें साढ़ेसाती और ढय्या में भी शनि की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन शनि देव को तेल क्यों चढ़ाते इसको लेकर हमारे ग्रंथो में अनेक कथाएँ है।
इनमे से सर्वाधिक प्रचलित कथा का संबंध रामयण काल और हनुमान जी से है।
🌹पौराणिक कथा।
क्यों चढ़ाते है शनि देव को तेल
कथा इस प्रकार है शास्त्रों के अनुसार रामायण काल में एक समय शनिदेव को अपने बल और पराक्रम पर घमंड हो गया था।
उस काल में हनुमान जी के बल और पराक्रम की कीर्ति चारों दिशाओं में फैली हुई थी।
जब शनिदेव को हनुमान जी के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई तो शनि बजरंग बली से युद्ध करने के लिए निकल पड़े।
एक शांत स्थान पर हनुमान जी अपने स्वामी श्रीराम की भक्ति में लीन बैठे थे, तभी वहां शनिदेव आ गए और उन्होंने बजरंग बली को युद्ध के ललकारा।
युद्ध की ललकार सुनकर हनुमान जी शनिदेव को समझाने का प्रयास किया, लेकिन शनिदेव नहीं माने और युद्ध के लिए आमंत्रित करने लगे।
अंत में हनुमान जी भी युद्ध के लिए तैयार हो गए, दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ, उन्हें अपनी पूँछ में शनिदेव को लपेट लिया और उठा उठा कर पटकना शुरू कर दिया।
हनुमान जी ने शनिदेव को बुरी तरह से परास्त कर दिया।
युद्ध में हनुमान जी द्वारा किए गए प्रहारों से शनिदेव के पूरे शरीर में भयंकर पीड़ा हो रही थी।
तब शनि देव ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि मुझे बधंन मुक्त कर दीजिए।
मैं अपने अपराध की सजा पा चुका हूँ, फिर मुझसे ऐसी गलती नही होगी ! तब हनुमान जी ने तेल दिया, उसे घाव पर लगाते ही शनि देव की पीड़ा मिट गई।
उसी दिन से शनिदेव को तेल चढ़ाया जाता हैं, जिससे उनकी पीडा शांत हो जाती हैं और वे प्रसन्न हो जाते हैं।
तभी से शनिदेव को तेल अर्पित करने की परंपरा प्रारंभ हुई। शनिदेव पर जो भी व्यक्ति तेल अर्पित करता है, उसके जीवन की समस्त परेशानियां दूर हो जाती हैं और धन अभाव खत्म हो जाता है।
हनुमान जी की कृपा से शनि की पीड़ा शांत हुई थी, और उन्होंने वचन दिया प्रभू आपके भक्तों को कभी कष्ट नही दूँगा, इसी वजह से आज भी शनिदेव हनुमान जी के भक्तों पर विशेष कृपा बनाए रखते हैं।
🌹शनि को तेल अर्पित करते समय ध्यान रखें ये बात।
शनि देव की प्रतिमा को तेल चढ़ाने से पहले तेल में अपना चेहरा अवश्य देखें। ऐसा करने पर शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है। धन संबंधी कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
🌹शनिवार को तेल का दान मेहनत करने वालो, सफाई कर्मी, गरीबो को करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते है, तेल को दान करने से पहले तेल में अपना चेहरा अवश्य देखें।
🌹शनि पर तेल चढ़ाने से जुड़ी वैज्ञानिक मान्यता।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे शरीर के सभी अंगों में अलग-अलग ग्रहों का वास होता है। यानी अलग-अलग अंगों के कारक ग्रह अलग-अलग हैं। शनिदेव त्वचा, दांत, कान, हड्डियां और घुटनों के कारक ग्रह हैं।
यदि कुंडली में शनि अशुभ हो तो इन अंगों से संबंधित परेशानियां व्यक्ति को झेलना पड़ती हैं। इन अंगों की विशेष देखभाल के लिए हर शनिवार तेल मालिश की जानी चाहिए।
शनि को तेल अर्पित करने का यही अर्थ है कि हम शनि से संबंधित अंगों पर भी तेल लगाएं, ताकि इन अंगों को पीड़ाओं से बचाया जा सके। मालिश करने के लिए सरसो के तेल का उपयोग करना श्रेष्ठ रहता है।
English Translation
Why do we offer oil to Shani Dev?
The ancient belief is that oil should be offered to Shani Dev on every Saturday to get the grace of Shani Dev. Those who do this get the blessings of Shani in the half-century and also in the bed. But there are many stories in our texts about why we offer oil to Shani Dev.
The most popular of these is related to the Ramayana period and Hanuman ji.
A mythological tale.
Why do we offer oil to Shani Dev
The story goes like this: According to the scriptures, at one time during the Ramayana period, Shanidev became proud of his strength and might.
In that period, the glory and glory of Lord Hanuman was spread in all four directions.
When Shanidev got information about Hanuman ji, Shani set out to fight with Bajrang Bali.
At a quiet place, Hanuman was seated in devotion to his lord Shri Ram, when Shani Dev came there and he challenged Bajrang Bali to battle.
Hearing the challenge of war, Hanuman ji tried to convince Shani Dev, but Shani Dev refused to accept and started inviting him to battle.
In the end Hanuman ji also got ready for war, a fierce battle ensued between the two, he wrapped Shani Dev in his tail and started picking up and banging him.
Hanuman ji defeated Shani Dev badly.
Shani Dev’s entire body was suffering terrible pain due to the blows by Hanuman ji in the war.
Then Shani Dev prayed to Hanuman ji to make me free.
I have been convicted of my crime, then I will not make such a mistake! Then Hanuman ji gave oil, the pain of Shani Dev disappeared as soon as he applied it on the wound.
From the same day, oil is offered to Shanidev, which calms his suffering and he becomes happy.
Since then, the tradition of offering oil to Shanidev started. Any person who offers oil on Shani Dev, all the troubles of his life are overcome and lack of money is over.
Shani’s suffering was calmed by the grace of Hanuman ji, and he promised that God will never cause trouble to your devotees, that is why even today, Shanidev maintains special blessings on the devotees of Hanuman ji.
Keep this in mind while offering oil to Anshni.
Before offering oil to the idol of Shani Dev, please see your face in oil. By doing this, you get relief from the defects of Shani. Obstacles in money related tasks are removed and happiness and prosperity are maintained.
On Saturday, Shanidev is also pleased to donate oil to hard working people, cleaning workers, poor people, do see your face in oil before donating oil.
Scientific recognition associated with the offering of oil to the nation.
According to astrology, different planets reside in all the parts of our body. That is, the causative planets of different organs are different. Shanidev is the causative planet of skin, teeth, ears, bones and knees.
If Saturn is inauspicious in horoscope, then the person has to face troubles related to these organs. Oil massage should be done every Saturday for special care of these organs.
That means to offer oil to Shani, we also apply oil on the organs related to Saturn, so that these organs can be saved from sufferings. It is best to use mustard oil for massaging.