ये आँखे बरस रही मेरी कन्हिया आया न
मिल्न को तरस रही बैरी कन्हियाँ आया न
वादे सारे टूट गए है काहे कन्हिया रूठ गए है
फिर भी मैंने प्यार तेरा ना भूलाया है,
ये आँखे बरस रही मेरी कन्हिया आया न
क्यों ये जुदाई का गम साहा जायेना
क्यों इक पल भी चैन मुझको अब आये न
तेरे संग जो वक़्त बिताया याद मुझे वो आता है
अब तो आजा हरजाई तू कितना रुलाता है
कैसे कलेजा तुझे चीर के दिखाऊ
मैंने खुद से भी ज्यदा तुझे चाहा है
ये आँखे बरस रही मेरी कन्हिया आया न……………….,
कटीले काले काले है कान्हा तेरे नैन,
नशीले मेह के प्याले है कान्हा तेरे नैन,
ये रहते है पलको की और,
करे दिल पे ये सीधी चोट,
रसीले मतवाले है कान्हा तेरे नैन,
मैं जब जब देखु तेरे नैन,
मेरा दिल हो जाता वेचैन,
छबीले नखराले है कान्हा तेरे नैन,
देख के इनका रंग और रूप,
गई तेरे नैनो में डूभ,
नुकीले कजरारे है कान्हा तेरे नैन,
नैन पे रीना हुई कुर्बान,
अनाड़ी करता है गुणगान,
हटीले भोले भाले है कान्हा तेरे नैन………