एक बार तीन दोस्त कहीं जा रहे थे रास्ते में उन्होंने एक होटल देखा। उन्होंने उसे खरीदकर एक नया व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया। वे होटल के बाहर उसे खरीदने को लेकर आपस में सलाह-मशवरा करने लगे।
तभी एक व्यक्ति उनके पास आया और बोला, “मैं इस होटल का मालिक हूँ। मैंने सुना है कि तुम लोग मेरे होटल को खरीदने की इच्छा रखते हो। तुम लोगों के पास कितने पैसे हैं?” उनमें से एक बोला, “हमारे पास पाँच लाख रुपए हैं।”
वह बोला, “ठीक है, तुम पैसे मुझे दे दो और ये होटल के कागजात ले लो।” उसने उनसे पैसे लिए और उन्हें कागजात सौंप दिए। कागजात सौंपने के बाद वह बोला, “आज से तुम इस होटल के मालिक हो।”
तीनों दोस्त खुशी-खुशी होटल के अन्दर गए और भरपेट खाना खाया। वेटर बिल लेकर आया तो वे बोले, “हम इस होटल के नए मालिक हैं।”
वास्तविक होटल मालिक ने आकर उन कागजों का निरीक्षण किया और उन्हें बताया कि ये कागज फर्जी हैं। अब तीनों दोस्तों को होटल का बिल चुकाने के लिए वहाँ के सारे गंदे बर्तन धोने पड़े।
तब उन्हें अहसास हुआ कि जल्दबाजी हमेशा हानिकारक होती है। किसी भीकार्य को अच्छी तरह सोच-समझकर करना चाहिए।