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मुनिवर तरूण सागर जी

दर्शन शारीरिक अंतिम यात्रा… मुनिवर तरूण सागर जी की।
इनकी छवि तो हृदय मे जीवन भर बनी रहेगी।
जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज अखिल ब्रह्मांड में विलीन।

मंजिल सोचने से नहीं चलने से मिलती है: तरुण सागर जी महाराज। महाराज जी जीवन भर कड़वा बोलकर लोगों के जीवन में अमृत घोलते रहे। ऐसा जीवन जी लेना बड़े बड़े महापुरुषों के लिए भी दुर्लभ होता है। महाराज जी संतों की मंडली में ध्रुवतारा थे। महाराज जी जटिल भाषा में जटिल बातें नहीं बोलते थे। किताबी बातें, आसमानी बातें नहीं बोलते थे। महाराज जी मनुष्य के जीवन का कटु सत्य बोलते थे। कड़वे प्रवचन करते थे। जीवन का यथार्थ बोलते थे। मानव जीवन का परखा हुआ व्यवहारिक यथार्थ बोलते थे। उपनिषदों के जीवन दर्शन को बहुत ही सरल बोलचाल की भाषा में ढालकर बोलते थे। कितने ही परिवारों में सुख समृद्धि लाया मुनि जी के प्रवचन ने। अनगिनत परिवार टूटने से बचे जैन मुनि के कड़वे प्रवचन सुनकर। परिवारों में प्रेम अपनत्व बढ़ जाता था महाराज जी के प्रवचनों से। वह अति कल्याणकारी वाणी ब्रह्मनाद में विलीन हो गई। महाराज की मुमुक्षु आत्मा को शत शत नमन।

आईये उनके बारे मे कुछ और अधिक जाने:-

⛳ पुष्पगिरी तीर्थप्रणेता आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य।

1⃣महान संत तरुणसागर जी मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड की महान धरोहर है, जिन्होंने आचार्य श्री विद्यासागर जी व्रत धारण करके आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज से दीक्षा धारण करके अपना मोक्षमार्ग प्रशस्त किया।

2⃣महान संत तरुणसागर जी का सम्पूर्ण हिन्दू समाज व जैन पंथ के लिए महत्वपूर्ण योगदान रहा है जिसे हजारों वर्षों तक विस्मृत नही किया जा सकता।

3⃣जैन धार्मिक विचारो को जनधर्म बनाने का सर्वप्रथम श्रेय तरुणसागर जी ने अपने हाँथों में लिया, पूज्य गुरुदेव ने लाखों लोगों को अपनी देशना कड़वे प्रवचन के माध्यम शावकों के सोये हुए भाग्य को जागने का रास्ता बताया।

4⃣महान संत तरुणसागर जी का एक मात्र उद्देश्य था महावीर स्वामी को मंदिरों तक सीमित ना रखकर चौराहों पर लाया जाए, उनका सपना था जो सीकर राजस्थान वालो ने 2017 में पूर्ण किया था।

5⃣महान संत तरुणसागर जी ने सर्वप्रथम आस्था, संस्कार मीडिया चैनल के माध्यम से जैन धार्मिक की ध्वजा फहराई लाखो लोगो को जैन परम्परा के बारे में अवगत कराया।

6⃣कड़वे प्रवचन भारत मे नही अपितु सम्पूर्ण विश्व मे मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुचने लगे, लाखो लोगों की श्रद्धा जैन परम्परा और सन्तों के प्रति बनने लगी।

7⃣चीन के गुरु दलाईलामा, योगगुरु बाबा रामदेव, अटलजी, नरेंद्र मोदी जी अमित जी शिवराज सिंह चौहान जी रमन जी अभिताभ बच्चन जैसी अनेको महान हस्तिया गुरुदेव के कड़वे प्रवचनों को सुनकर लाभान्वित हुए।

8⃣ लालकिले दिल्ली से सर्वप्रथम, जैन परम्पराओं का डंका बजाया।

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📝जरा विचार कीजिये📝

*1⃣ एक समय था जब पारस जिनवाणी चेनल नही था, दुनिया मात्र एक जैन संत को जानती थी जैनोत्तर समाज आस्था संस्कार मीडिया चैनल पर कड़वे प्रवचन को सुनकर आश्चर्य चकित होती थी कौन हैं तरुणसागर जी, क्या होती है जैन धार्मिक परम्परायें।

📝आज उस सन्त की वाणी शान्त हो चुकी है अब नही सुनने मिलेंगे कड़वे प्रवचन।

2⃣तरुणसागर जी ने मीडिया पर दिगम्बर साधु की चर्या एकता संगठन को बताया, एक मंच पर राम रहीम ईसामसीह, दिगम्बर स्वेताम्बर स्थानकवासी का संगठन बनाकर जैन परम्पराओं का डंका बजाया।

📝कुछ ज्ञानी साधु ज्ञानी श्रावक बीते दिनों में तरुणसागर जी को गलत साबित कर रहे थे आगम विरुद्धचर्या है हजारो बाते समाज के बीच लाये महानुभाव तरुणसागर जी का प्रयास है जो आज जैन धार्मिक परम्पराओं को सभी जैनेत्तर समाज जानती है।

3⃣ जैन समाज तेरा बीस दिगम्बर स्वेताम्बर पंथवाद में लगे है तरुणसागर जी ने सभी पंथो को जोड़कर एक मंच पर लाकर रख दिया जैन समाज पर आपका महान योगदान है।

4⃣ पूज्य मुनिश्री पुलकसागर जी जैसे महान संत जो आज तरुणसागर जी के द्वितीय रूप है पुलकसागर जी स्वयं बोलते है मेरे द्वितीय गुरु पूज्य तरुणसागर जी है जिन्होंने मुझे बोलना सिखाया।

5⃣ महाप्रयाण हो चुका है, जैनोत्तर समाज का वह जागता हुआ दीपक जिसने सम्पूर्ण विश्व को जगाना सिखाया, आज वह स्वयं अस्त होने वाला है।

6⃣ पूज्य गुरुदेव आपके हमारी समाज मे महत्वपूर्ण योगदान रहे है जन्मो जन्मो तक भारत का बच्चा युवा बुजुर्ग आपके योगदान आपके कड़वे प्रवचन आपकी वक्तव्य शैली याद रखेगा।

7⃣सूरज अस्त हो चुका है वह लाइन याद आती है जब आपको टीवी पर देखता था।

⛳ एक तरुण तपस्वी ने छेड़ा अभियान अहिंसा का यही गुरूवर की भावना यही मुनिवर की भावना⛳
आपका अहिंसा अभियान चालयमान रहेगा।

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📝 तैयार हो जाये जैन समाज📝
अपने गाँव नगर स्कूल ऑफिस में पूज्य तरुणसागर जी के योगदान की चर्चा करें समाज को अवगत कराये।

🖍पूज्य गुरुदेव आपके योगदान अभूतपूर्व अद्वितीय, आविस्मरणीय, अकथनीय है।
नमन करता हुं आपके श्री चरणों मे

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