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Tag Archives: maharshi

हंसी हर जगह मौजूद है बस हंसने के बहाने ढूंढिए

हंसी हर जगह मौजूद है बस हंसने के बहाने ढूंढिए

कन्नड़ लेखक एच. योगनसिंहम् ने महर्षि कर्वे ( भारतरत्न 1958 धोंडो केशव कर्वे) की आत्मकथा ‘लुकिंग-बैक’ का कन्नड़ में अनुवाद किया था। उनसे सिर्फ पत्र व्यवहार द्वारा ही परिचय था पर महर्षि कर्वे से वह कभी मिले नहीं थे। एक बार जब वे पूना गए तो वे महर्षि कर्वे से भेंट करना चाहते थे। उनकी यह मनोकामना पूरी हुई। उनकी …

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जानिए जीतने का रहस्य

जानिए जीतने का रहस्य

एक बार देवों और असुरों में घोर युद्ध हो रहा था। राक्षसों के शस्त्र, बल, और युद्ध कौशल के सामने देवता नहीं टिक पाए। वे हार कर जान बचाने के लिए भागे। सभी देवता महर्षि दत्तात्रेय के पास पहुंचे और उन्हें अपनी विपत्ति सुनाई। महर्षि ने उनको धैर्य बांधते हुए कहा ‘आप सभी पुनः युद्ध की तैयारी करें, देवताओं ने …

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श्रीकृष्ण की पत्नियों तथा पुत्रों के संक्षेप से नाम निर्देश तथा द्वादश

Who is God?

श्रीकृष्ण की पत्नियों तथा पुत्रों के संक्षेप से नाम निर्देश तथा द्वादश – संग्रामों का संक्षिप्त परिचय अग्निदेव कहते हैं – वसिष्ठ ! महर्षि कश्यप वसुदेव के रूप में अवतीर्ण हुए थे और नारियों में श्रेष्ठ अदिति का देवकी के रूप में आविर्भाव हुआ था । वसुदेव और देवकी से भगवान श्रीकृष्ण का प्रादुर्भाव हुआ । वे बड़े तपस्वी थे …

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राजा खनित्र का सद्भाव

raaja khanitr ka sadbhaav

पूर्वकाल में प्रांशु नामक एक चक्रवती सम्राट थे । इनके ज्येष्ठ पुत्र का नाम प्रजाति था । प्रजाति के अनित्र, शौरि, उदावसु, सुनय, महारथ नामक पांच पुत्र हुए । उनमें खनित्र ही अपने पराक्रम से विख्यात राजा हुए थे । वे शांत, सत्यवादी, शूर सब प्राणियों के हितैषी, स्वधर्म परायण, सर्वदा वृद्ध सेवी, विजय – संपन्न और सर्वलोकप्रिय थे । …

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महर्षि सौभरि की जीवन गाथा

Meh Rishi Sobheri Ki Jeevan Gatha Story

वासना का राज्य अखण्ड है । वासना का विराम नहीं । फल मिलने पर यदि एक वासना को हम समाप्त करने में समर्थ भी होते हैं तो न जाने कहां से दूसरी और उससे भी प्रबलतर वासनाएं पनप जाती हैं । प्रबल कारणों से कतिपय वासनाएं कुछ काल के लिये लुप्त हो जाती हैं, परंतु किसी उत्तेजक कारण के आते …

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