एक बार कवि कालिदास बाजार में घूमने निकले। वहां उन्होंने एक स्त्री को एक घड़ा और कुछ कटोरियां लिए ग्रहकों के इंतजार में बैठे देखा। कालिदास यह देखकर परेशानी में पड़ गए। वह उस स्त्री के पास गए। उन्होंने वहां जाकर पूछा कि बहिन तुम क्या बेचती हो। उस स्त्री ने कहा मैं पाप बेचती हूं। मैं स्वयं लोगों से …
Read More »Monthly Archives: July 2017
शिकारी आएगा जाल बिछाएगा पर हम नहीं जाएंगे
एक बार एक साधु ने अपनी कुटिया में कुछ तोते पाल रखे थे। सभी तोते अपनी सुरक्षा के लिए एक गीत गाते थे। गीत कुछ इस तरह था कि ‘शिकारी आएगा जाल बिछाएगा पर हम नहीं जाएंगे’ एक दिन साधु भिक्षा मांगने के लिए पास के एक गांव में गए। इसी बीच एक बहेलिया ने देखा एक पेड़ पर तोते …
Read More »आत्मा और परमात्मा का दुर्लभ मिलन
मिथिला के राजा निमि के बीमार हो गए। उनका पूरा शरीर गर्म होने लगा। राज वैद्यों ने सोच-समझकर कहा कि, महराज के शरीर पर चंदन का लेप किया जाए। तब रानियां अपने हाथों से चंदन घिसने लगीं। चंदन घिसते समय हाथों में पहनी हुई चुड़ियों के टकराने से खन-खन की आवाज होने लगी। वह खन-खनखनाहट की आवाज राजा निमि को …
Read More »जीने की कला का यह है सबसे बड़ा रहस्य
बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। वह बात-बात में फांसी की सजा का हुक्म दिया करता था। इस कारण लोग काफी परेशान थे और उस राजा के नाम से ही भयभीत रहा करते थे। लेकिन उस राजा की एक खूबी भी थी, और वह यह कि मरने वाले की हर अंतिम ख्वाहिश को जरूर पूरा करता था। एक बार …
Read More »सही कहते हैं कि सत्य बोलने वाले के पास हिम्मत होती है
स्वामी विवेकानंद एक दिन कक्षा में मित्रों को कहानी सुना रहे थे। सभी इतने खोए हुए थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब मास्टरजी कक्षा में आए और पढ़ाना शुरू कर दिया। मास्टरजी को कुछ आवाज सुनाई दी। कौन बात कर रहा है? सभी ने स्वामी जी और उनके साथ बैठे छात्रों की तरफ इशारा कर दिया। मास्टरजी …
Read More »राजा भोज के राज्य में जब जटाधारी संत ने किया ‘स्वांग’
एक बहुरूपिए ने राजा भोज के दरबार में आकर राजा से पांच रुपए की याजना की। तब राजा ने कहा कि वे कलाकारों को पुरस्कार दे सकते हैं, दान नहीं। बहुरूपिए ने स्वांग प्रदर्शन के लि तीन दिन की मोहलत दी। अगले दिन नगर के बाहर टीले पर एक जटाधारी साधू दिखाई दिया। जो शांत बैठा था जिसके आस-पास चरवाहे …
Read More »कर्म तेरे अच्छे होगें तो भगवान भी तेरा साथ देगें
एक बार देवर्षि नारद अपने शिष्य तुम्बुरु के साथ कही जा रहे थे। गर्मियों के दिन थे एक प्याऊ से उन्होंने पानी पिया और पीपल के पेड़ की छाया में बैठे ही थे कि अचानक एक कसाई वहां से 25-30 बकरों को लेकर गुजरा उसमे से एक बकरा एक दुकान पर चढ़कर घांस खाने के लिए दौड़ पड़ा। दुकान शहर …
Read More »बापू ने कहा था, हानिकारक लोगों को देनी चाहिए यह सीख!
गुजरात में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में लड़कियां भी रहती थीं। एक दिन की बात है कुछ लड़कियां कहीं से लौट रही थीं। रास्ते में कुछ लड़के उनको छेड़ने लगे। लड़कियां इस घटना से घबरा गईं और दौड़ते हुए आश्रम पहुंचीं। उन्होंने सारी घटना का जिक्र बापू से किया। बापू बोल, ‘तुम लोग भाग क्यों आईं?’ हिम्मत से वहीं …
Read More »तो स्वामी विवेकानंद इनके पुत्र बनने को थे तैयार
एक विदेशी महिला स्वामी विवेकानंद के समीप आकर बोली मैं आपसे शादी करना चाहती हूं। विवेकानंद बोले क्यों?मुझसे क्यों ? क्या आप जानती नहीं कि मैं एक सन्यासी हूं?औरत बोली मैं आपके जैसा ही गौरवशाली, सुशील और तेजोमयी पुत्र चाहती हूं और वो वह तब ही संभव होगा। जब आप मुझसे विवाह करेंगे। विवेकानंद बोले हमारी शादी तो संभव नहीं …
Read More »जिंदगी में कभी आपने कहीं भी सुनी है दर्द की भाषा
कोलकाता में मुस्लिम महिला सम्मेलन का वार्षिक अधिवेशन था। सरोजिनी नायडू इसकी मुख्य अतिथि थीं। भाषण देने वालों में कोई बांग्ला में तो कोई ऊर्दू में। उनके पास बैठी महिलाओं में भी किसी ने बांग्ला की वकालत की तो किसी ने ऊर्दू की। इसी बीच एक स्वयंसेविका ने आकर किसी महिला से कहा, आपके घर से फोन आया है कि …
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