अब्राहम लिंकन 12 फरवरी, 1809 से 15अप्रैल 1865 अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति थे। वह रिपब्लिकन पार्टी से थे। उन्होने अमेरिका को उसके सबसे बड़े संकट अमेरिकी गृह युद्ध से मुक्त किया था। अमेरिका में दास प्रथा के अंत का श्रेय लिंकन को ही जाता है। अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। वे रिपब्लिकन पार्टी से …
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ध्यान रखिए ताकि छलके नहीं दूध का मर्तबान
शुकदेव को उनके पिता ने परामर्श दिया कि वे महराज जनक की शरण में जाकर दीक्षा ग्रहण करें। पिता के परामर्श से शुकदेव महराज जनक के दरबार जा पहुंचे और राजा जनक से दीक्षा देने का अनुरोध किया। जनक ने शुकदेव की परीक्षा लेने से पहले उनकी परीक्षा लेने के उद्देश्य से उनके हाथ में दूध का कटोरा दिया और …
Read More »बापू से जानिए अहिंसा और कायरता में अंतर
महात्मा गांधी जी के आश्रम में लड़कियां भी रहती थीं। एक दिन वे लौट रही थीं। रास्ते में कुछ लड़के उन्हें परेशान करने लगे। लड़कियां घबरा गईं और भागती हुईं आश्रम पहुंची। उन्होंने बापू को सारी बात बताई। बापू बोले, ‘तुम भाग क्यों आईं? हिम्मत से वहीं ठहरना था और उन लड़कों को दो-चार चपत लगानी चाहिए थी।’ यह सुनकर …
Read More »19 साल का अंतर, फिर भी आदर्श दंपती थे रामकृष्ण-शारदा
आजकल रिश्तों की डोर बेहद कमजोर हो गई है, ऐसे में रामकृष्ण परमहंस और मां शारदा का दाम्पत्य जीवन लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है। उम्र में 19 साल का अंतर होने के बावजूद दोनों ने आदर्श जीवन व्यतित किया। दोनों ही जितने सांसारिक थे, उतने आधात्यमिक भी थे। मां शारदा के साथ रह कर रामकृष्ण परमहंस एक आदर्श …
Read More »ये हैं रावण के वो 7 सपने जो रह गए अधूरे
शहरा पर्व को अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था. ये बात तो हम सभी जानते हैं लेकिन रावण से जुड़ी कुछ बातें ऐसी भी हैं जो बहुत ही कम लोग जानते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं महाज्ञानी रावण …
Read More »हंसी की फुहार में भीगने वाले, कभी नहीं होते निराश
भीनी मुस्कान से भरा चेहरा, हर व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता रखता है। और यदि यह भीनी हंसी के ठहाकों में तब्दील हो जाए तो आपके पाचन तंत्र में घट रही प्रक्रियाओं को तेज कर ही देती है। हास्य रस की चाशनी में डूबे व्यक्ति कभी भी तनाव और और मानसिक बीमारियों के शिकार नहीं होते हैं। …
Read More »अपने हर काम में कुछ इस तरह ढूंढें आनंद
एक गांव में कुछ मजदूर पत्थर के खंभे बना रहे थे। उधर से एक संत गुजरे। उन्होंने एक मजदूर से पूछा- यहां क्या बन रहा है? उसने कहा- देखते नहीं पत्थर काट रहा हूं? संत ने कहा- हां, देख तो रहा हूं। लेकिन यहां बनेगा क्या? मजदूर झुंझला कर बोला- मालूम नहीं। यहां पत्थर तोड़ते-तोड़ते जान निकल रही है और …
Read More »इंसान से अच्छा होता है खुदा का साथ
एक बार सूफी संत खय्याम अपने शिष्य के साथ बीहड़ से जा रहे थे। उनके नमाज पढ़ने का समय हुआ तो, गुरु और शिष्य दोनों नमाज पढ़ने के लिए बैठे ही थे कि उन्हें सामने से एक शेर की गर्जना सुनाई दी। शिष्य बेहद परेशान हो गया और नजदीक के ही पेड़ पर चढ़ गया। लेकिन खय्याम खामोशी से नमाज …
Read More »मन को मनाने के लिए, आनंद की बारिश में भीगिए
प्रभु यीशु एक बार झील किनारे उपदेश दे रहे थे। उपदेश के कुछ अंश इस तरह हैं, एक किसान बहुत सारे बीज लेकर खेत में बोने के लिए निकला। बीज कुछ रास्ते में गिर गए तो कुछ पक्षियों ने चुग लिए। कुछ पथरीली जमीन पर गिरे तो कुछ नम जमीन पर गिरकर अंकुरित हो गए। चट्टान होने के कारण कुछ …
Read More »बदलाव लाना है तो स्वयं से करें शुरुआत
प्रिय दोस्तों, जब मैं छोटा था तो आजाद था । मेरी कल्पना की कोई सीमा नहीं थी। तब मैं दुनिया को बदलने का सपना देखता था। जब मैं थोड़ा बड़ा और समझदार हुआ, तो मैं समझ गया कि दुनिया नहीं बदलने वाली, इसलिए मैंने अपने लक्ष्य को थोड़ा छोटा कर लिया और सिर्फ अपने देश को बदलने का फैसला किया, …
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