Breaking News

Yearly Archives: 2018

कबीरवाणीः प्रभु नाम का स्मरण के लिए समय नहीं, भाव चाहिए

एक बार संत कबीर से किसे ने पूछा, आप दिनभर कपड़ा बुनते हैं तो भगवान का स्मरण कब करते हैं? कबीर उसे लेकर झोपड़ी से बाहर आ गए और कहा कि यहां खड़े रहो। तुम्हारे सवाल का जबाव शायद में न दे सकूं, लेकिन उसे दिखा सकता हूं। कबीर ने दिखाया कि एक औरत पानी की गागर सिर पर रखकर …

Read More »

ऐसे करें धूर्त की पहचान

  बात मुगलकाल की है। उस समय अकबर का शासन था। अकबर के मंत्री अब्दुल रहीम खानखाना थे। एक दिन एक व्यक्ति ने आकर रहीम के द्वारपाल से कहा, ‘मैं बहुत सिद्ध रसायनी हूं, लोहे से सोना बनाना आता है मुझे और इस बारे में मंत्रीजी से कुछ बातें करना चाहता हूं।’ द्वारपाल ने आकर रहीम को यह संदेश दिया …

Read More »

जब विद्यार्थी की निर्भीकता के कायल हुए दादाजी

बहुत समय पहले बिले नामक एक विद्यार्थी था। उसकी खासियत थी कि वह खेलने के समय दिल लगाकर खेलता और पढ़ने के समय एकाग्रचित्त होकर पढ़ता। बिले साहसी था, अपने इसी गुण के कारण वह वृक्षों पर चढ़ जाता। यह सब कुछ देखकर उसके दादाजी को भय लगता। कहीं बिले उन वृक्षों से गिर न जाए। बिले का दादाजी मना …

Read More »

समस्याओं से भागें नहीं बल्कि उनका डटकर सामना करें

कौशाम्बी नरेश की महारानी भगवान बुद्ध से घृणा करती थी। एक बार जब भगवान बुद्ध कौशाम्बी आए तो महारानी ने उन्हें परेशान और अपमानित करने के लिए कुछ विरोधियों को उनके पीछे लगा दिया। गौतम बुद्ध के शिष्य आनंद उनके साथ हमेशा रहते थे। जोकि गौतम बुद्ध के प्रति इस खराब व्यवहार देख दुःखी हो गए। परेशान होकर आनंद ने …

Read More »

दो पैसे के काम के लिए तीस साल की बलि!

स्वामी विवेकानंद एक बार कहीं जा रहे थे। रास्ते में नदी पड़ी तो वे वहीं रुक गए क्योंकि नदी पार कराने वाली नाव कहीं गई हुई थी। स्वामीजी बैठकर राह देखने लगे कि उधर से नाव लौटे तो नदी पार की जाए। एका-एक वहां एक महात्मा भी आ पहुंचे। स्वामीजी ने अपना परिचय देते हुए उनका परिचय लिया। बातों ही …

Read More »

ऐसे मिलेगा खुशहाली का रास्ता

एक बार हकीम लुकमान से उनके बेटे ने पूछा, अगर मालिक ने फरमाया कि कोई चीज मांग, तो मैं क्या मांगूं? लुकमान ने जवाब दिया, ‘परमार्थ का धन’। बेटे ने फिर कहा, दूसरी चीज मांगनी हो तो? लुकमान ने कहा, हलाल की कौड़ी(पसीने की कमाई) मांगना। बेटे ने फिर पूछा, तीसरी चीज? जवाब मिला, ‘उदारता’। चौथी चीज, ‘शर्म’ पांचवी चीज …

Read More »

खुशी कुछ पाने से नहीं, बल्कि देने से मिलती है

एक आध्यात्मिक गुरु थे। एक आयोजन में उनके अनेक शिष्य आए। गुरु जी ने अपने शिष्यों के लिए एक प्रतियोगिता रखी। हर व्यक्ति को एक गुब्बारा दे दिया और उस पर अपना-अपना नाम लिखने को कहा। सारे गुब्बारे इकट्ठा कर दूसरे कमरे में रख दिए गए। फिर उन लोगों से कहा गया कि वे एक साथ उस कमरे में जाकर …

Read More »

कण-कण में हैं भगवान जरा खोज कर तो देखो

एक धार्मिक व्यक्ति था। भगवान में उसकी बड़ी श्रद्धा थी। उसने मन ही मन प्रभु की एक तस्वीर बना रखी थी। एक दिन भक्ति से भरकर उसने भगवान से कहा-भगवान मुझसे बात करो, और एक बुलबुल चहकने लगी लेकिन उस आदमी ने नहीं सुना। इसलिए इस बार वह जोर से चिल्लाया और आकाश में घटाएं उमङ़ने लगी, बादलो की गड़गडाहट …

Read More »

आंख बंद करके एक बार विचार जरूर करें

एक सहेली ने दूसरी सहेली से पूछा:- बच्चा पैदा होने की खुशी में तुम्हारे पति ने तुम्हें क्या तोहफा दिया ? सहेली ने कहा – कुछ भी नहीं! उसने सवाल करते हुए पूछा कि क्या ये अच्छी बात है ? क्या उस की नज़र में तुम्हारी कोई कीमत नहीं ? लफ्ज़ों का ये ज़हरीला बम गिरा कर वह सहेली दूसरी …

Read More »