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Yearly Archives: 2018

ऐसे थे हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री

जब लालबहादुर शास्त्री देश के प्रधानमंत्री थे तब वह एक बार कपड़े की दुकान में साड़ियां खरीदने गए। दुकान मालिक शास्त्री जी को देखकर बहुत खुश हुआ। शास्त्री जी ने दुकानदार से कहा कि वे जल्दी में हैं और उन्हें चार-पांच साड़ियां चाहिए। दुकान का मैनेजर शास्त्री जी को एक से बढ़ कर एक साड़ियां दिखाने लगा। सभी कीमती साडि़यां …

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ऐसे बन सकते हैं अल्लाह के नेक बंदे

बहुत समय पहले आरिफ सुभानी नाम के दरवेश हुए थे। उन्हें दुनिया की किसी भी वस्तु से मोह-माया नहीं थी। पहनने के लिए कपड़ों के अलावा उनके पास दूसरी कोई ओर चीज न थी। शांतिप्रिय और सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले इस दरवेश का स्वभाव दूसरों से मेल भी नहीं खाता था। आरिफ सुभानी मंदिर, मस्जिद और चर्च में कोई भेद …

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संत की संवेदनशीलता

  इटली के असीसी शहर निवासी संत फ्रांसिस का जन्म 12वीं सदी में हुआ था। वह एक प्रसिद्ध व्यापारी के यहां जन्मे थे। लेकिन फ्रांसिस उदार व्यक्तित्व और संवेदनशील व्यक्ति थे। एक दिन फ्रांसिस रेशमी वस्त्र की अपनी दुकान पर बैठे एक धनवान ग्राहक से बातचीत कर रहे थे, तभी उन्हें एक भिखारी ने आवाज दी। लेकिन उन्होंने बातचीत के …

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गुड़गांव में हे माता शीतला का भव्य मंदिर

आप भी जाने इसकी महत्ता… प्राचीन शीतला माता मंदिर का इतिहास … गांवनाथूपुर के समीप अरावली की पहाड़ियों में शीतला माता की पत्थरनुमा तस्वीर उभरी थी। ग्रामीणों ने यहां पूजा-पाठ करना शुरू कर दिया था। मंदिर तक पहुंचने में अरावली पहाड़ियों तक पहुंचना भक्तों के लिए कठिन था। रास्ता कठिन होने की वजह से कुछ भक्तों ने यहां से शीतला …

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कला का ज्ञान और फिर अभिमान

एक युवा ब्रह्यचारी ने दुनिया के कई देशों में जाकर अनेक कलाएं सीखीं। एक देश में उसने धनुष बाण बनाने और चलाने की कला सीखी और कुछ दिनों के बाद वह दूसरे देश की यात्रा पर गया। वहां उसने जहाज बनाने की कला सीखी क्योंकि वहां जहाज बनाए जाते थे। फिर वह किसी तीसरे देश में गया और कई ऐसे …

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उसके घर की हकीकत देख भला और मैं क्या करता: जिगर मुरादाबादी

                                             शायर जिगर मुरादाबादी बहुत ही उदार और दयालु थे। मदद के लिए वह हर समय तैयार रहते थे। अपने इस स्वभाव के चलते वह काफी लोकप्रिय भी हो गए। एक बार वह अपने एक मित्र के साथ कहीं …

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ऐसा करने से आपका आशियाना बन सकता है मंदिर

एक बार की बात है मगध के व्यापारी को व्यापार में बहुत लाभ हुआ। इसके बाद से वह अपने अधीनस्थों से अहंकारपूर्ण व्यवहार करने लगा। व्यापारी का अहंकार इतना प्रबल था कि उसके देखते हुए उसके परिजन भी अहंकार के वशीभूत हो गए। जब सभी के अहंकार आपस में टकराने लगे तो घर का वातावरण नर्क की तरह हो गया। …

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जानिए ऐसी होती है बिना मुहूर्त की महिमा

किसी देश में वसु सेन नाम का एक राजा राज करता था। वह पुरुषार्थी चक्रवर्ती सम्राट था। लेकिन कोई भी काम बिना ज्योतिषी से मुहूर्त जाने बिना नहीं करता था। इस कारण से प्रजा और सभासद- सभी को बड़ी चिंता होने लगी। एक दिन राजा वसु सेन अपने देश के दौरे पर निकले। उनके साथ राज ज्योतिषी भी था। तभी …

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जब एक शराबी ने पूछा, अंगूर अच्छे तो शराब बुरी क्यों!

बहुत पुरानी बात है। प्रसिद्ध संत तिरुवल्लुवर एक बार अपने शिष्यों के साथ कहीं चले जा रहे थे। रास्ते में आने-जाने वाले लोग उनके चरण स्पर्श करते हुए आगे की ओर बढ़ते जा रहे थे। तभी, एक शराबी झूमता हुआ उनके सामने आया और खड़ा हो गया। फिर उसने संत तिरुवल्लुवर से कहा, आप लोगों से यह क्यों कहते फिरते …

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गुरु द्रौण का पुत्र मोह

द्रौण को अपने पुत्र अश्वत्थामा से बहुत प्यार था। शिक्षा में भी अन्य छात्रों से भेदभाव करते थे। जब उन्हें सभी कौरव और पांडव राजकुमारों को चक्रव्यूह की रचना और उसे तोडऩे के तरीके सिखाने थे, उन्होंने शर्त रखी की जो राजकुमार नदी से घड़ा भरकर सबसे पहले पहुंचेगा, उसे ही चक्रव्यूह की रचना सिखाई जाएगी। सभी राजकुमारों को बड़े …

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