सुनो सुनो सुनावे नन्द लाल गोपाल इस पल पे उठाया मैं गोवेर्धन,,,,,,,,,,,
मैंने ब्रिज का माखन खाया है,
ब्रिज प्रेम ने रंग दिखाया है
मेरे साथ है गोपी ग्वाल इस पल पे उठाया मैं गोवेर्धन……
जी जान से की गौऊ सेवा है
उसी सेवा का ही ये मेवा है,
माँ यशोदा का मैं हु लाल मैं हु बाल
इस पल पे उठाया मैं गोवेर्धन…..
ब्रिज रज यमुना ब्रिज बंसुरिया
राधा का संग पा कर सांवरियां
मैं तो हो गया माला माल
इस पल पे उठाया मैं गोवेर्धन….
ब्रिज की जो मधुप परम भगती है,
वही राधा मेरी परम शक्ति है,
उसी शक्ति का है ये कमाल
इस पल पे उठाया मैं गोवेर्धन…………….