Breaking News

शंकर मेरा प्यारा

6शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा ।
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे, शिव शंकर की मूरत ला दे,
मूरत ऐसी जिस के सर से निकले गंगा धरा ॥

माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला ।
रात मेरे सपनो में आया, आ के मुझ को गले लगाया ।
गले लगा कर मुझ से बोला, मैं हूँ तेरा रखवाला ॥

माँ री माँ वो मेरा स्वामी, मैं उस के पट की अनुगामी ।
वो मेरा है तारण हारा, उस से मेरा जग उजारा ।
है प्रभु मेरा अन्तर्यामी, सब का है वो रखवाला ॥

Check Also

nastik

एक नास्तिक की भक्ति

इस कहानी में हरिराम नामक आदमी के बदलते दृष्टिकोण और उसकी नास्तिकता से बच्चे को दवा देने की भरपूर भावना को दर्शाया गया है।.........