कोमल, हरी भरी घास से भरा एक मैदान था। उन्हीं हरी घास के बीच में एक सूखा तिनका भी पड़ा था। घास ने तिनके को देखकर हंसते हुए कहा, “हरी भरी कोमल घास के बीच में तुम क्या कर रहे हो? “तुम तो सूखे और मुरझाए हुए हो। न तो तुम देखने में सुंदर हो, न ही किसी काम के …
Read More »Suman Wish
निंदा करना एक बहुत बड़ा दुर्गुण है
एक बार अपना राजा चुनने के लिए पक्षियों की सभा हुई। उसमें जंगल के सभी पक्षी एकत्र हुए। सबके आ जाने पर सबसे बुजुर्ग एक चील ने उठकर सभा में कहा, “इंसानों ने अपने बीच में से एक व्यक्ति को राजा चुन लिया है। जो उनकी भलाई के लिए सभी काम करता है।” “जंगल के जानवरों ने भी शेर को …
Read More »बिन मांगी सीख
एक जंगल में एक विशाल बरगद का पेड़ था। जिसपर बया चिड़िया का एक बहुत ही सुंदर घोसला था। घोसले में चिड़िया के अंडे और कई बच्चे थे। घोसले की सुरक्षा में वे आनंदपूर्वक हर मौसम का आनन्द लेते थे। ठंडी के मौसम में एक दिन तेज़ बारिश हो रही थी। चिड़िया और उसके बच्चे घोसले में बैठे बारिश का …
Read More »बच्चे अनुकरण से सीखते है
अमन अपने माता-पिता के साथ चिड़ियाघर की सैर करने जाता है। अमन क्योंकि बच्चा है और वह अपनी मम्मी के गोदी में चलता है , इसलिए चिड़ियाघर में उसके लिए टिकट नहीं लगता। मम्मी – पापा ने अपना टिकट लिया और वह तीनों मिलकर चिड़ियाघर के अंदर चले। अमन ने चिड़ियाघर के अंदर देखा एक तालाब है उसमें ढेर सारे …
Read More »ईमानदार वीर बालक
रमेश बहुत ही प्यारा बालक था। वह कक्षा दूसरी में पढ़ता। रमेश विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय त्यौहार मनाया जाने वाला था। रमेश बहुत उत्साहित था इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए। रमेश को उसकी कक्षा अध्यापिका ने स्वतंत्रता दिवस की परेड में भाग लेने के लिए बोला था। उसके हर्ष का कोई ठिकाना नहीं था , वह खुशी-खुशी इस कार्यक्रम में …
Read More »पश्चात्ताप का भाव !!
मदन उड़ीसा के एक छोटे से गांव में पला-बढ़ा। पढ़ लिखकर वह एक अच्छी सी नौकरी करने लगा। नौकरी में लगातार हुए प्रमोशन से उसे खूब तरक्की और शोहरत की प्राप्ति हुई। वह अब शहर में रहने लगा , वहां मदन को ग्यारहवीं मंजिल पर एक आलीशान फ्लैट कंपनी के द्वारा मिला। मदन अपनी पत्नी को एक बच्चे के साथ खूब ऐसो आराम से रहने लगा। कुछ …
Read More »बच्चे और उनके दादाजी !!
एक गाँव में दो चतुर बच्चे अपने माता-पिता के साथ रहते थे। एक दिन उनके दादाजी उनके साथ रहने के लिए आए। वह एक नाविक रह चुके थे। बच्चों को उनसे कहानियाँ सुनना अच्छा लगता था। वह उन्हें बताते, कैसे वह समुद्री डाकुओं से लड़े। धीरे-धीरे दादाजी कहानियाँ सुनाकर ऊब गए। वह अपने हमउम्र लोगों से बातें करना चाहते थे। …
Read More »दुष्टों से दूरी भली!!
एक बार एक दुष्ट बाघ के गले में हड्डी फंस गई। अब न तो वह ठीक से सांस ले पा रहा था। न ही बोल पा रहा था। बहुत प्रयास करने के बाद भी वह हड्डी नहीं निकाल पाया। वह इस तकलीफ से निजात पाने के लिए मदद ढूंढने लगा। वह सभी जानवरों के पास गया। सबसे गले में फंसी …
Read More »जंगल का तोता!!
एक शहर में मसाले बेच ने वाले का एक बहुत बड़ा व्यापारी था। आसपास के गांवों के लोग उसकी दुकानों पर मसाले खरीदने आते थे। शहर में सेठ के कई दुकाने थी। आसपास के गांवों में भी मसलो की कोई दुकाने नहीं थी इसलिए सेठ खुद ही कभी-कभी मसाले बेचने के लिए जाता था। एक बार सेठ गांव में कुछ …
Read More »सच्ची सफलता और विफलता!!
रमेश और सुरेश जुड़वाँ भाई थे। वे बचपन से एक ही स्कूल में और एक ही कक्षा में पढ़ते थे। अब वे दोनों १० वि कक्षा के छात्र थे। उनकी ही कक्षा में अनिकेत नाम का एक छात्र था जो बहुत ही अमीर परिवार से से था। एक दिन अनिकेत अपने जन्मदिन पर बहुत महंगा मोबाइल लेकर कर स्कूल आया। …
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