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रेगिस्तान की यात्रा!!

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एक आदमी रेगिस्तान में यात्रा कर रहा था। साथ में था उसका ऊंट और ऊंट पर लदा था ढेर सारा सामान। ऊंट और वह दोनों ही पसीने से तर बतर थे। गरमी से थक कर उस आदमी ने फैसला किया कि अब वह कहीं आराम करेगा। इसलिए यात्रा बीच में ही रूक गई। ऊंट की पीठ से अपना तंबू उतारकर …

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सबसे शक्तिशाली आशीर्वाद

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पटना शहर में एक गरीब दर्जी अपने इकलौते बेटे के साथ एक छोटे से घर में रहता था। उसका सपना था की उसका बेटा बहुत अच्छी पढ़ाई करके एक अच्छी से नौकरी करे। इसलिए उन्होंने तय किया कि उसके बेटे को सबसे अच्छी शिक्षा मिलेगी, चाहे उनकी वर्तमान स्थिति कैसी भी हो। पिता दिन रात मेहनत करता और अपने बेटे …

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 7

पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय– 7

सूतजी बोले:- हे तपोधन! आप लोगों ने जो प्रश्न किया है वही प्रश्न नारद ने नारायण से किया था सो नारायण ने जो उत्तर दिया वही हम आप लोगों से कहते हैं ॥ १ ॥ नारदजी बोले:- विष्णु ने अधिमास का अपार दुःख निवेदन करके जब मौन धारण किया तब हे बदरीपते! पुरुषोत्तम ने क्या किया? सो इस समय आप …

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यादों के खज़ाने: एक अनमोल संग्रह

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मेरे पास इधर उधर जाने के लिए फ़ालतू का टाइम नहीं है। आपको पता है ना मेरा टाइम कितना कीमती है।" मैं बिफ़र पड़ा। आये दिन माँ का यही सब चलता रहता है। कभी अपने पास बिठला कर खाना खाने को बोलेंगीं कभी पार्क में साथ टहलने को। रात में तो अक्सर वो मुझे टी वी देखने के बहाने सारे दिन की बातें सुनाने के लिए अपने पास बुलाएंगी। पता नहीं क्या चाहतीं हैं। बड़ा हो गया हूँ जरा सा लल्ला नहीं हूँ जो हरदम उनके आगे पीछे घूमता रहूँ। "बेकार का टाइम नहीं है। बहुत कीमती है मेरा टाइम।" हर बार ऐसा ही टका सा जवाब देकर पल्ला झाड़ लेता। माँ भी हर बार सुना अनसुना करके अपने काम में लग जातीं पर आज माँ को शायद कुछ बुरा, बहुत बुरा सा लगा। वो चुपचाप अपने कमरे में चलीं गयीं।

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बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल

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किंतु अम्मा ही बाबूजी को यह कह कर रोक देती थी कि 'कहाँ वहाँ बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल देने चलेंगे। यहीं ठीक है। सारी जिंदगी यहीं गुजरी है और जो थोड़ी सी बची है उसे भी यहीं रह कर काट लेंगे। ठीक है न!'

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मैं भी तो ब्राह्मण हूं

, जो एक जनेऊ हनुमान जी के लिए ले आये थे। संयोग से मैं उनके ठीक पीछे लाइन में खड़ा था, मेंने सुना वो पुजारी से कह रहे थे कि वह स्वयं का काता (बनाया) हुआ जनेऊ हनुमान जी को पहनाना चाहते हैं, पुजारी ने जनेऊ तो ले लिया पर पहनाया नहीं। जब ब्राह्मण ने पुन: आग्रह किया तो पुजारी बोले यह तो हनुमान जी का श्रृंगार है इसके लिए बड़े पुजारी (महन्त) जी से अनुमति लेनी होगी,

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 6

नारदजी बोले– भगवान् गोलोक में जाकर क्या करते हैं ? हे पापरहित! मुझ श्रोता के ऊपर कृपा करके कहिये ॥ १ ॥ श्रीनारायण बोले – हे नारद! पापरहित! अधिमास को लेकर भगवान् विष्णु के गोलोक जाने पर जो घटना हुई वह हम कहते हैं, सुनो ॥ २ ॥ उस गोलोक के अन्दर मणियों के खम्भों से सुशोभित, सुन्दर पुरुषोत्तम के धाम …

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 5

पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 5

adhik mas:- मल मास द्वारा अपने मर जाने की प्रार्थना भगवन श्री हरि को करना देवऋषि नारद जी ने भगवान श्री नारायण से पूछा:- हे महाभाग ! चरणों में पड़े अधिक मास को भगवान श्री हरि ने क्या उतर दिया और उससे क्या क्या कहा था? वह सम्पूर्ण वृतांत कृपा करके मुझसे विस्तारपूर्वक कहिये . हे अर्जुन! बैकुण्ठ का वृत्तान्त हम तुम्हारे सम्मुख …

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पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 3

पुरुषोतम मास/अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 3

अधिक मास माहात्म्य, तृतीय अध्याय, मल मास का बैकुठ में जाना सूतजी के श्री मुख से पवन कथा सुनते हुए ऋषि बोले:- हे महाभाग! नर के मित्र नारायण नारद के प्रति जो शुभ वचन बोले, वह आप विस्तार पूर्वक हमसे कहें । हे नारद! पहले महात्मा श्रीकृष्णचन्द्र ने राजा युधिष्ठिर से जो कहा था वह मैं कहता हूँ सुनो । …

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सौ रोगों की एक दवाई हवा धूप मेरे भाई

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प्राकृतिक चिकित्सा का यह उद्घोष वाक्य संसार के पुस्तकालय की सबसे प्राचीनतम पुस्तकों में से एक अर्थववेद से निकला | साफ हवा ,सूर्य का प्रकाश सबसे बड़ा डिसइनफेक्टेंट है… संक्रमण , संक्रमण के लिए जिम्मेदार कारकों को नष्ट करने वाला| सनातन वैदिक संस्कृति में सूर्य को जड़ देवताओं में पिता की संज्ञा दी गई है पिता… का संस्कृत धातु में …

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