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बृहस्पतिवार को बाल ना धोने का रहस्य

बृहस्पतिवार को बाल क्यों नहीं धोने चाहिए

हम अक्सर अपने घरो में देखते हैं या सुनते हैं कि जब भी कभी बृहस्पतिवार का दिन होता हैं और उस दिन अगर किसी कारणवश बालों को धोना पड़ जाये तो घर के बड़े जैसे दादी-नानी और मम्मी तुरंत मना कर देते हैं कि बृहस्पतिवार को बाल नहीं धोने चाहिये। आजकल की युवा पीढ़ी पुराने रीती-रिवाज,परम्पराओं को नहीं मानते हैं। …

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कहानी एक बूढ़ी लाचार उदास माँ की

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एक आलीशान से बँगले के बड़े से लिविंग रूम मेंवाल पेंटिंग के जैसे शानदार स्मार्ट टी वी दीवार पर टंगा हैऔर लाइव आ रहा है आई पी ऐल का फाइनलरोमांच है कि हर गेंद के साथ बस बढ़ता ही चला जा रहा हैलिपे पुते चेहरों पर तनाव है ख़िझ है और है ग़ुस्सा सा भीतो है कभी कभार राहत भी …

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मोहब्बत की दुकान

यह बंद दुकान दीनानाथ की है जो इंडिया-पाकिस्तान बटवारे के वक़्त बहुत अफसोस के साथ इस दुकान को पाकिस्तान छोड़कर इंडिया चले आए लेकिन जाते वक्त बहुत रोए ओर पूरे गांव को भी रुलाया।फिर गाँव के लोगों को यह दिलासा दिलाया कि मैं वापिस आप लोगों के पास लौट कर आऊँगा। पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रोविंस के जिला लोरा लाई में …

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Shri Hanuman Chalisa\श्री हनुमान चालीसा

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दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।  बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।  चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन बरन …

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सुंदर काण्ड का धार्मिक महत्व Sunderkand Mahima

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सुंदरकांड वास्तव में हनुमान जी का कांड है। हनुमान जी का एक नाम सुंदर भी है। सुंदर कांड के लिए कहा गया है – सुंदरे सुंदरे राम: सुंदरे सुंदरीकथा।सुंदरे सुंदरे सीता सुंदरे किम् न सुंदरम्।।हनुमान जी सेवक रूप से भक्ति के प्रतीक हैं।सकल सुमंगलदायक, रघुनायक गुनगान।सादर सुनहिं ते तरहिं, भवसिंधु बिना जलजान।। अर्थात् – श्री रघुनाथ जी का गुणगान संपूर्ण …

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करूणा मयी श्री राधे

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एक बार वृन्दावन में एक संत हुए कदम्खंडी जी महाराज। उनकी बड़ी बड़ी जटाएं थी। वो वृन्दावन के सघन वन में जाके भजन करते थे।एक दिन जा रहे थे तो रास्ते में उनकी बड़ी बड़ी जटाए झाडियो में उलझ गई। उन्होंने खूब प्रयत्न किया किन्तु सफल नहीं हो पाए और थक के वही बैठ गए और बैठे बैठे गुनगुनाने लगे। …

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बाप का आशीर्वाद!

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.गुजरात के खंभात के एक व्यापारी की यह सत्य घटना है। जब मृत्यु का समय सन्निकट आया तो पिता ने अपने एकमात्र पुत्र धनपाल को बुलाकर कहा कि..बेटा मेरे पास धनसंपत्ति नहीं है कि मैं तुम्हें विरासत में दूं। पर मैंने जीवनभर सच्चाई और प्रामाणिकता से काम किया है। तो मैं तुम्हें आशीर्वाद देता हूं कि, तुम जीवन में बहुत …

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पूज्यनीय रामचंद्र डोंगरे

पूज्यनीय रामचंद्र डोंगरे

एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पैसे नहीं थे … तब मंगलसूत्र बेचने की बात की थी। यह जानकर सुखद आश्चर्य होता है कि पूज्यनीय रामचंद्र डोंगरे जी महाराज जैसे भागवताचार्य भी हुए हैं जो कथा के लिए एक रुपया भी नहीं लेते थे मात्र तुलसी पत्र लेते थे। जहाँ भी वे भागवत कथा …

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दक्षिण भारत का स्‍वर्ण मंदिर

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हमारे देश में माता लक्ष्मी के कई मंदिर हैं, लेकिन आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, उसे 'दक्षिण भारत का स्‍वर्ण मंदिर' कहा जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में बड़ी मात्रा में सोने का इस्तेमाल हुआ है।

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एक आठ दस साल की मासूम सी गरीब लड़कीं

एक आठ दस साल की मासूम सी गरीब लड़कीं बुक स्टोर पर जाती है और एक पेंसिल और एक दस रुपए वाली कापी खरीदती है और फिर वही खड़ी होकर कहती है अंकल एक काम कहूँ करोगे ?जी बेटा बोलो क्या काम है ?अंकल वह कलर पेंसिल का पैकेट कितने का है, मुझे चाहिए, ड्रॉइंग टीचर बहुत मारती है मगर …

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