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उन्होंने ग्रंथ के टुकड़े किए और गंगा में बहा दिया

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             Chaitanya Mahaprabhu एक बार चैतन्य महाप्रभु बचपन के मित्र रघुनाथ शास्त्री के साथ नाव से यात्रा कर रहे थे। शास्त्री जी विद्वान एवं संस्कृत के प्रकांड विद्वान व्यक्ति थे। उन्हीं दिनों चैतन्य महाप्रभु ने न्यायशास्त्र पर बहुत ही उच्चकोटि का ग्रंथ लिखा। उन्होंने वह ग्रंथ शास्त्री जी को दिखाया। ग्रंथ को गौर से देखने …

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मान सम्मान से परे एक मर्मस्पर्शी पत्र

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सन् 1952 में इज़राइल के प्रथम राष्ट्रपति कैम वीजमान का निधन हो गया तो इज़राइल का राष्ट्रपति पद स्वीकारने के लिए महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से प्रार्थना की गई। आइंस्टीन ने विनम्रता से उस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया और इज़राइली राजदूत अब्बा एवान को एक पत्र लिखा। वो पत्र कुछ इस तरह था, ‘मुझे प्रकृति के बारे में थोड़ा …

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महाभारत युद्ध में तीर भी बोलते थे यह है प्रमाण

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                                                   KARAN AND ARJUN OF MAHABHARAT द्वापरयुग में महाभारत युद्ध के समय की बात है, कौरवों और पांडवों में युद्ध चल रहा था। कर्ण, अर्जुन को मारने की शपथ ले चुके थे। कर्ण लगातार बाणों की …

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कलियुग का लक्ष्मण

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” भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी (इतवार) का दिन है। आप सभी को आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।” छोटे भाई लक्ष्मण ने बड़े भाई भरत से मोबाईल पर बात करते हुए कहा। ” क्या छोटे, किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहे हो ?” ” नहीं भैया, ये अपना मकान है, किराये का नहीं …

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जब युवा कबीर ने बताई गंगा जल की शुद्धता

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वाराणसी की एक तंग गली में एक ब्राह्मण बीमारी की अवस्था में शय्या पर पड़ा था। युवा कबीर गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। ब्राह्मण की दशा देखकर उसके पास पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लायक कोई सेवा हो तो जरूर बताइगा।’ तब ब्राह्मण ने कहा, ‘बेटा मेरा अंत समीप है। मैं अकेला हूं। जीवन के अंतिम समय में थोड़ा …

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Bhagwaan Gauttam Budh

आपके पास है ऐसा बल जो बना सकता है आपको महान

जो नित्य एवं स्थाई प्रतीत होता है, वह भी विनाशी है। जो महान प्रतीत होता है, उसका भी पतन है। जहाँ संयोग है वहाँ विनाश भी है। जहाँ जन्म है वहाँ मरण भी है। ऐसे सारस्वत सच विचारों को आत्मसात करते हुए महात्मा बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की जो विश्व के प्रमुख धर्मों में से एक है। विश्व …

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क्यों मनाई जाती है ईद, कैसे हुई थी इसकी शुरुआत?

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624 ईस्वी में पहला ईद-उल-फ़ित्र  मनाया गया था। पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। यह त्योहर उसी खुशी में मनाया गया था। इस्लामिक कैलेंडर में दो ईद मनाई जाती हैं। दूसरी ईद जो ईद-उल-जुहा या बकरीद के नाम से भी जानी जाती है। ईद-उल-फ़ित्र  का यह त्योहार रमजान का चांद डूबने और ईद का चांद नज़र आने पर …

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माहे-रमजान में छुपा संदेश

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आत्मा को पाकीजगी का मौका देता है रमजान Hidden messages in Maha-Ramzan बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक लाने का मौका देने वाले पाक महीने रमजान की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते लाखों हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे को शिद्दत …

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बोधकथा अंतरयात्रा शिविर ओशो

एक गांव में एक गरीब किसान शहर से जाकर एक बकरी का बच्चा खरीद लाया। वह बकरी के बच्चे को लेकर अपने गाव की तरफ चला और शहर के दो चार बदमाश लोगों ने सोचा कि किसी भांति यह बकरी का बच्चा छीन लिया जाए तो अच्छा आज का भोजन का और एक उत्सव का आनंद आ जाएगा। कुछ मित्रों …

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आज ही क्यों नहीं ‘Why not today’

एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन  वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था |सदा स्वाध्याय से दूर भागने की कोशिश  करता तथा आज के काम को कल के लिए छोड़ दिया करता था | अब गुरूजी कुछ …

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