Breaking News

blog

blog

विलक्षण गुरुदक्षिणा

gurudakshina

आचार्य द्रोण का अपमान उनके सहपाठी पांचाल नरेश द्रुपद ने यह कह कर दिया कि एक राजा की तुम्हारे जैसे श्रीहीन और निर्धन मनुष्य के साथ कैसी मित्रता? इस तरह राजा द्रुपद से अपमानित हो बदला लेने की भावना से आचार्य द्रोण हस्तिनापुर में राजकुमारों को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा देने लगे। एक दिन आचार्य द्रोण ने अपने शिष्यों से कहा …

Read More »

सावन में सोमवार का हैं खास महत्त्व

deva-hoee-na-bhikaaree-pandhareecha-vaarakaree

पवित्र सावन माह की शुरुआत हो गई है। शिव पूजा के लिए अत्यंत फलदायी माने जाने वाले इस माह में सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा का महत्त्व है। आज सावन का पहला सोमवार है। भगवान शिव को सावन यानी श्रावण का महीना बेहद प्रिय है जिसमें वह अपने भक्तों पर अतिशय कृपा बरसाते हैं। ऐसी मान्यता है …

Read More »

क्यों प्रिय है भगवान शिव को बेलपत्र

belpatr

शिव पूजा का सबसे पावन दिन है सोमवार। सभी देवों में शिव ही ऐसे देव हैं जो अपने भक्तों की भक्ति-पूजा से बहुत जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव भोले को आदि और अनंत माना गया है जो पृथ्वी से लेकर आकाश और जल से लेकर अग्नि हर तत्व में विराजमान हैं। शिव पूजा में बहुत सी ऐसी चीजें …

Read More »

रुद्राभिषेक क्यों है इतना प्रभावी और महत्वपूर्ण

Rudhrabhishek kyo hai itana parbhavi

भगवान शिव अनादि व अनन्त हैं अर्थात न तो कोई भगवान शिव के प्रारंभ के बारे में जानता है और न ही कोई अंत के बारे में। इसलिए इन्हें अजन्मा और अनश्वर भी कहते हैं। भगवान शिव का स्वरूप जितना रहस्यमय है, वे उतने ही सरल भी हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से …

Read More »

मनु – शतरुपा को वरदान

Manu - Shatrupa Ko Vardan Story

  सृष्टि के आदि में पितामह ब्रह्मा ने सर्व प्रथम स्वयंभू मनु और शतरुपा की सृष्टि की। आगे चलकर इन्हीं भाग्यवान दम्पति के द्वारा सृष्टि का विस्तार हुआ। उनके सदाचार, शील तथा पवित्र धर्माचरण के विषय में आज भी श्रुतियो में वर्णन मिलता है। हम सभी मानव उन्हीं मनु एवं शतरुपा की सन्तान हैं। इनके सबसे बड़े पुत्र का नाम …

Read More »

Shirdi Sai Baba

Sirdi Sai Baba Story

  शिरडी अनिवार्य रूप से एक छोटे से ऊंचा हो गया गांव, संत साईं बाबा की वजह से मशहूर है। साईं बाबा 1858 में शिरडी आये और, के रूप में भक्तों का कहना है, 60 वर्ष से यहां बिताने के बाद 1918 में समाधि (मोक्ष) प्राप्त किया। आज भी उनकी मौजूदगी यहाँ बहुत वास्तविक है। दरअसल, शिरडी साईं बाबा है, …

Read More »

The Art of the Gong

हयांगे-मादलाय्या-कृष्णा

This area can be played upward or downward to full effect. But the sun area must never be struck in the center. Instead hit the sun area just inside the boundary of its zone. Start to play from the edges of the sun. Playing point 6 will induce earthiness. Playing point 12 will create a sense of loftiness. Playing the …

Read More »

Sample Gong Sequence play by Yogi Bhajan

SITALI KRIYA

  Begin at Point 9 Duration: Thirty Seconds Move between Points 9 and 0 Three beats at position 9 then one beat at position 0 Duration: One minute Rotate over the four Points 9 > 6 > 3 > 12 One beat on each point Duration: Two minutes Alternate between the top and bottom of Point 0. One beat at …

Read More »

जो हाथ से चला गया उसका दुख क्या करना!

Jo Hath Se Chala Gya Us Ka Dukh kya Karna Story

  एक आदमी तड़के नदी की ओर जाल लेकर जा रहा था। नदी के पास पहुंचने पर उसे आभास हुआ कि सूर्य अभी पूरी तरह बाहर नहीं निकला हैं। घने और अंधेरे में वह मस्ती से टहलने लगा। तभी उसका पैर झोले से टकराया। उत्सुकतापूर्वक उसने झोले में हाथ डाला तो पाया कि उसमें बहुत बड़े-बड़े चमकीले पत्थर भरे पड़े …

Read More »

नदी किनारे खड़ा है पगले

Lamboder Lakumikara story

फिर भी तू है प्यासा हरी का नाम तो पास है बंदे फिर क्यू छ्चोड़े आशा नदी किनारे खड़ा है पगले फिर भी तू है प्यासा हरी का नाम तो पास है बंदे फिर क्यू छ्चोड़े आशा इश्स जाग की नादिया मे देखो प्रभु का जल है प्यारा च्चल च्चल कल कल निर्मल है जल प्रभु सुमिरन की धारा इश्स …

Read More »