Breaking News

blog

संन्यासी की दया भावना

swami dayanand

स्वामी दयानंद स्वामीजी त्याग की साक्षात् मूर्ति थे। चौबीस घंटे में एक बार किसी घर से भिक्षा प्राप्त करते थे। बाकी समय साधना व लोगों को सदाचार का उपदेश देने में लगाते । स्वामी दयानंद ब्रह्मनिष्ठ संत थे । वे प्रायः कहा करते थे कि जो व्यक्ति गरीबों व असहायों से प्रेम करता है, भगवान् उसे अपनी कृपा का अधिकारी …

Read More »

रास्ते का पत्थर और ज़िम्मेदारी

एक महाराजा थे। वह बहुत बुद्धिमान और चतुर था। एक दिन वह परीक्षण करना चाहता था कि उसके विषय जिम्मेदार हैं या नहीं। वह सुबह जल्दी उठा, एक दाना दान किया और गाँव चला गया। उसने रास्ते से एक बड़ा पत्थर उठाया और उसे सड़क के केंद्र में रख दिया। और उसने इसके नीचे एक पत्र रखा। पत्र में उन्होंने …

Read More »

शेख चिल्ली का सपना

SHEIKH CHILLI एक गाँव में शेख चिल्ली नाम का एक लड़का रहता था। वह हमेशा बहुत सपने देखता था। अपने सपनों में खो जाना और अपने काम को भूल जाना उसकी आदत थी। उनकी मां ने हमेशा उन्हें बदलने की कोशिश की। आप हमेशा यहां बैठते हैं और पूरे दिन सपने देखते हैं। लेकिन, आपको उन सपनों को पूरा करने …

Read More »

क्यों चढ़ाया जाता है भगवान गणेश को दुर्वा कीगांठें, जानिए इसका रहस्य

ganesh

शास्त्रों में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी की पूजा बुधवार करने का विधान है. वैसे तो भगवान गणेश की पूजा किसी भी पूजा के पहले की जाती है. लेकिन बुधवार को गजानंद के भक्त पूरे विधि-विधान के साथ उनकी अराधना करते हैं. गणशे जी की पूजा में दूर्वा जरूर होता है. क्योंकि श्री गणेश को दूर्वा बहुत प्रिय है. .मोदक …

Read More »

रक्षक कहानी हिंदी में

एक बार की बात है बादशाह अकबर का दरबार लगा था। जिसमे अकबर ने कहा की आलू सब्जियों में बहुत प्रयोग किया जाता है आलू सब्जियों का राजा है कौन ऐसा व्यक्ति होगा जिसको आलू पसंद नहीं होगा। आलू को हम बार बार खा सकते है। दरबार में उपस्थित सभी लोग बादशाह अकबर के समर्थन में बोलने लगे लेकिन बीरबल …

Read More »

फांसी से वापसी

एक बार की बात है अकबर को उनकी रानी ने कहा की आप केवल अपने दरबार में बीरबल की तारीफ करते है। मानसिंह जो की मेरा भाई है वह भी तो उतना ही बुद्धिमान है लेकिन आप उसकी इतनी तारीफ नहीं करते। अकबर ने कहा की मानसिंह भी होशियार है लेकिन बीरबल सभी वजीर में से सबसे ज़्यादा बुद्धिमान है। …

Read More »

स्वर्ग की यात्रा

एक बार बादशाह अकबर के बाल नाई काट रहा था। नाई बोला हुजूर आपने यहाँ राज्य में तो सबके लिए अच्छा प्रबंध किया है लेकिन आपके स्वर्ग में जो पूर्वज है उनके हालचाल के बारे में पता है वह वहाँ ठीक तो है ना। उनको किसी चीज़ की कमी तो नहीं है। अकबर ने बोला कैसी पागलों जैसी बात कर …

Read More »

कंजूस सेठ

एक बार धनिचंद नाम का एक सेठ था। वह बहुत कंजूस था। उसके पास कोई भी नौकर ज्यादा दिन तक नहीं टिकता था क्योंकि वह काम पर रखने से पहले नौकर के सामने तीन शर्त रख देता था। जिसको कोई भी पूरी नहीं कर पाता था। एक दिन मदन नाम का एक लड़का सेठ के पास नौकरी मांगने आया। वह …

Read More »

तीन मछलियाँ नैतिक कहानी हिंदी में

एक नदी के किनारे उसी नदी से जुडा एक बडा जलाशय था। जलाशय में पानी गहरा होता हैं, इसलिए उसमें काई तथा मछलियों का प्रिय भोजन जलीय सूक्ष्म पौधे उगते हैं। ऐसे स्थान मछलियों को बहुत रास आते हैं। उस जलाशय में भी नदी से बहुत-सी मछलियां आकर रहती थी। अंडे देने के लिए तो सभी मछलियां उस जलाशय में आती थी। …

Read More »

खर्चीली सास

एक बार की बात है सीमा नाम की एक महिला थी। उसकी एक सास थी जिसका नाम रमा था। जो की बहुत खर्चीली थी। सीमा जहाँ बचत पर जोर देती थी वही उसकी सास कोई बचत नहीं करती और बेफजूल खर्च करती थी। एक बार सीमा ने अपनी सास को कुछ पैसे रखने के लिए दिए जिसको वह अगले दिन …

Read More »