पूरे दिल से मुझे प्यार करो।मुझे भीड़ में मत डाँटो।भाई, भाई, बहन या किसी और के साथ मेरी तुलना मत करो।मत भूलो, पिता और माता, मैं तुम्हारी फोटोकॉपी हूं।जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे मुझे हमेशा एक बच्चा मत समझिए।मुझे कोशिश करने दें, फिर मुझे बताएं कि क्या यह गलत हैमेरी गलतियों को मत लाओ।मैं आपके लिए पुरस्कारों का क्षेत्र …
Read More »daughter
डीडी कोसाम्बी की इतिहास दृष्टि
अभी कुछ दिनों पहले इतिहास लेखन वाले भाग में मैंने लिखा था कि 1950 के दशक में मार्क्सवादी इतिहास लेखन का उदय हुआ, जिसका प्राचीन भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन में सबसे प्रभावशाली भूमिका रही। मार्क्सवादी इतिहास लेखन पर अधिकाँश लोग ये आरोप लगाते हैं कि इसने प्राचीन भारतीय इतिहास को विकृत कर दिया लेकिन इस लेखन की सबसे बड़ी उपलब्धि …
Read More »Beta Aur Beti Mein Fark Kyun
बेटा बेटी का फर्कमीना व नीति दो सहेलियां साथ पली बढी , दोनो का विवाह हुआ , मीना की 2 बेटियां हुई और नीति के दो बेटे ।एक दिन नीति मीना से , “बहन काश भगवान तुम्हे भी वंश चलाने और कमाने खाने के लिये एक बेटा दे देता,,,”।मीना हँसते हुए … नहीं नीति , बेटा बेटी मे कोई फर्क …
Read More »भीखा जी कामा
“भारत आज़ाद होना चाहिए; भारत गणतंत्र होना चाहिए; भारत में एकता होनी चाहिए।”ये उस महिला के शब्द थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत में पहली बार भारतीय झंडा फहराया। भारत की आज़ादी से चार दशक पहले, साल 1907 में विदेश में पहली बार भारत का झंडा एक महिला ने फहराया था! 46 वर्षीया भीकाजी कामा ने जर्मनी के स्टुटगार्ट में हुई दूसरी …
Read More »बेटी बेटो से कम नहीं
एक गांव में रामसिंह और पदमा पति पत्नी रहते थे। कुछ समय बाद उनका बच्चा होने वाला था। पदमा हॉस्पिटल में भर्ती थी। नर्स ने रामसिंह को आकर खुशखबरी दी की आपके जुड़वाँ बच्चे हुए है। रामसिंह ने कहा की दो – दो लड़के लेकिन नर्स ने कहा की एक लड़का एक लड़की। रामसिंह लड़की नहीं चाहता था। क्योंकि लड़की की शादी …
Read More »रिश्ते है अनमोल
मेरी पत्नी ने कुछ दिनों पहले घर की छत पर कुछ गमले रखवा दिए और एक छोटा सा गार्डन बना लिया। पिछले दिनों मैं छत पर गया तो ये देख कर हैरान रह गया कि कई गमलों में फूल खिल गए हैं, नींबू के पौधे में दो नींबू भी लटके हुए हैं और दो चार हरी मिर्च भी लटकी हुई …
Read More »चाहे दुःख हो या सुख हिसाब तो सबको देने ही होते हैं
एक सेठ जी बहुत ही दयालु थे । धर्म-कर्म में यकीन करते थे । उनके पास जो भी व्यक्ति उधार मांगने आता, वे उसे मना नहीं करते थे । सेठ जी मुनीम को बुलाते और जो उधार मांगने वाला व्यक्ति होता उससे पूछते कि भाई ! तुम उधार कब लौटाओगे ? इस जन्म में या फिर अगले जन्म में जो …
Read More »मरते वक्त बालि ने, अंगद से कही थी ये तीन बातें . .
मरते वक्त बालि ने, अंगद से कही थी ये तीन बातें रामायण में जब श्रीराम ने बालि को बाण मारा तो वह घायल होकर पृथ्वी पर गिर पड़ा था। इस अवस्था में जब पुत्र अंगद उसके पास आया तब बालि ने उसे ज्ञान की कुछ बातें बताई थीं। बालि ने कहा- देश काल और परिस्थितियों को समझो। किसके साथ कब, …
Read More »समुद्र मंथन से निकले थे चौदह रत्न
समुद्र मंथन से निकले थे चौदह रत्न, इनमें छिपी है हमारी जीवन पद्धति।पढ़े कौन कौन से हैं चौदह रत्न? मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा की जाती है। समुद्र मंथन से धन्वतंरि के साथ अन्य रत्न भी निकले थे। आज हम आपको समुद्र मंथन …
Read More »अच्छे अच्छे महलों मे भी एक दिन कबूतर अपना घोंसला बना लेते है
सेठ घनश्याम के दो पुत्रों में जायदाद और ज़मीन का बँटवारा चल रहा था और एक चार पट्टी के कमरे को लेकर विवाद गहराता जा रहा था , एक दिन दोनो भाई मरने मारने पर उतारू हो चले , तो पिता जी बहुत जोर से हँसे। पिताजी को हँसता देखकर दोनो भाई लड़ाई को भूल गये, और पिताजी से हँसी …
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