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Do you Know?

शील अनूठा रत्न है !!

धर्मशास्त्रों में शील (चरित्र) को सर्वोपरि धन बताया गया है। कहा गया है कि परदेश में विद्या हमारा धन होती है। संकट में बुद्धि हमारा धन होती है। परलोक में धर्म सर्वश्रेष्ठ धन होता है, परंतु शील ऐसा अनूठा धन है, जो लोक-परलोक में सर्वत्र हमारा साथ देता है। कहा गया है कि शीलवान व्यक्ति करुणा एवं संवेदनशीलता का अजस्र …

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नर से नारायण !!

हमारे ऋषि-मुनियों तथा धर्मशास्त्रों ने संकल्प को ऐसा अमोघ साधन बताया है, जिसके बल पर हर क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है। स्वाम विवेकानंद ने कहा था, ‘दृढ़ संकल्पशील व्यक्ति के शब्दकोश में असंभव शब्द नहीं होता। लक्ष्य की प्राप्ति में साधना का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। संकल्प जितना दृढ़ होगा, साधना उतनी ही गहरी और फलदायक होती जाएगी।’ …

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ढाई आखर प्रेम का

एक बार सत्संग के दौरान परम भागवत संत अखंडानंद सरस्वती ने अपने गुरु उड़िया बाबा से प्रश्न किया, ‘महाराज, पंडित कौन है?’ उड़िया बाबा ने बताया, ‘शास्त्र में कहा गया है- आत्मज्ञान समारम्भस्तितिक्षा धर्म नित्यता। यमर्थात्रापकर्षन्ति स वै पंडित उच्यते।’ यानी जिन्हें अपने वास्तविक स्वरूप का ज्ञान है, जो धर्मानुसार जीवन जीते हैं, दुःख सहन करते हैं और जो धन …

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संकल्प हो तो ऐसा !!

गुरु नानकदेवजी अपने उपदेश में कहा करते थे, कूड़ राजा, कूड़ परजा, कूड़ सभ संसार। कूड़ मंडप, कूड़ माड़ी, कूड़ बैसणहार॥ अर्थात् संसार के सब रिश्ते और पदार्थ झूठे हैं। राजा, प्रजा, महल, धन और ऐश्वर्य के अन्य साधनों में कोई सार-तत्त्व नहीं है। संसार में केवल परमात्मा सच्चा है। इसके बावजूद मनुष्य झूठ से नेह कर रहा है और …

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बलूत का पेड़ व नरकट के पौधे !!

एक झील के किनारे पर एक विशाल बलूत का वृक्ष था। उसका तना बहुत मोटा था और शाखाएँ बहुत बड़ी-बड़ी थी। उसकी जड़ें धरती में बहुत अंदर तक गई हुई थीं। जिनकी सहायता से वृक्ष बहुत मजबूती से धरती पर खड़ा था।   वृक्ष को अपनी कद-काठी पर बड़ा घमंड था। के बलूत वृक्ष के पास ही निकट के कुछ …

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मोर और बगुला !!

एक समय की बात है। एक जंगल में एक मोर घूम रहा था। आकाश काले बादलों से घिरा हुआ था और ऐसा लगता था कि कुछ ही देर में वर्षा होने लगेगी। बादलों की गड़गड़ाहट सुनकर मोर खुश हो गया और अपने पंख फैलाकर नाचने लगा।   उसे अपने नृत्य व सुंदरता पर बड़ा नाज था। नाचते हुए मोर के …

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कंजूस की नियति !!

किसी समय एक गाँव में एक कंजूस व्यक्ति रहता था। उसके पिताजी एक धनवान व्यक्ति थे और मरते समय उसके लिए वह बहुत सारा धन छोड़ कर गए थे। कंजूस को हमेशा चोरों का डर सताता था। इसलिए वह उस धन की सुरक्षा को लेकर हमेशा चिंतित रहता था। धन की चिंता में उसका दिन का चैन और रातों की …

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मेहनती चींटी !!

गर्मियों के दिन थे। एक चींटी अनाज के दाने उठा-उठाकर अपनी बिल में जमा कर रही थी। वह सर्दियों के लिए अपना भोजन इकट्ठा कर रही थी। पास में ही एक टिड्डा, एक छोटे से पौधे पर बैठा हुआ मस्ती में गा रहा था।   अचानक टिड्डे की नजर चींटी पर पड़ी तो वह बोला, “तुम इतनी तेज गर्मी में …

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भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंग

हमारा देश भारत में यूँ तो अनेकों तीर्थपुराणों के अनुसार इन्हीं 12 जगहों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए। सोमनाथ〰️〰️〰️〰️यह शिवलिंग गुजरात के सौराष्ट्र में स्थापित है। मल्लिकार्जुन〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है श्री शैल मल्लिकार्जुन शिवलिंग।महाकालेश्वर〰️〰️〰️〰️उज्जैन में स्थापित महाकालेश्वर शिवलिंग, जहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था।ओंकारेश्वर〰️〰️〰️मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर में नर्मदा तट …

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बच्चों के 13 अनुरोध हैं जो वे कभी नहीं कह सकते हैं:

पूरे दिल से मुझे प्यार करो।मुझे भीड़ में मत डाँटो।भाई, भाई, बहन या किसी और के साथ मेरी तुलना मत करो।मत भूलो, पिता और माता, मैं तुम्हारी फोटोकॉपी हूं।जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे मुझे हमेशा एक बच्चा मत समझिए।मुझे कोशिश करने दें, फिर मुझे बताएं कि क्या यह गलत हैमेरी गलतियों को मत लाओ।मैं आपके लिए पुरस्कारों का क्षेत्र …

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