अपने पिता को यदुवंशियों के विनाश की सूचना देकर कृष्ण वन में अपने भाई बलराम के पास वापस लौट आये थे। यदुकुल की स्त्रियों की रक्षा का भार उन्होंने अपने सारथी बाहुक के माध्यम से अर्जुन पर छोड़ दिया था।अब इस धरा पर वे बस अपने भाई के साथ कुछ क्षण व्यतीत करना चाहते थे।बलराम एक वृक्ष के नीचे निश्चेष्ट …
Read More »Do you Know?
ज्ञानी पुरुष और निंदा
एक व्यापारी एक नया व्यवसाय शुरू करने जा रहा था लेकिन आर्थिक रूप से मजबूत ना होने के कारण उसे एक हिस्सेदार की जरुरत थी| कुछ ही दिनों में उसे एक अनजान आदमी मिला और वह हिस्स्सेदार बनने को तैयार हो गया| व्यापारी को उसके बारे में ज्यादा कुछ मालुम नहीं था| अत: पहले वह हिस्सेदार बनाने से डर रहा …
Read More »महाराणा सांगा।
इंजीनियरिंग कॉलेज में इतिहास पढ़ने वाले इतिहासकारों का सबसे बड़ा डायलॉग है- बाबर को महाराणा सांगा ने ही तो बुलाया था, फिर वे काहे का देशभक्त हुए?बाबर खुद बाबरनामा में लिखता है- मुझे भारत विजय की प्रेरणा अपने एक अमीर से मिली, जिसने कहा- “आगे बढिये और संसार के सर्वश्रेष्ठ देश पर अधिकार कर लीजिए। सिंधु के उस पार एक …
Read More »विक्रम बेताल की कहानी: ज्यादा पापी कौन!!
बेताल के उड़ने के बाद दोबारा विक्रमादित्य शिंशपा वृक्ष की ओर दौड़े और पेड़ पर उल्टे लटके बेताल को कंधे पर लादकर चल पड़े। इसी बीच एक बार फिर बेताल ने राजा को एक नई कहानी सुनाते हुए कहा – बहुत समय पहले एक भोगवती नाम की नगरी हुआ करती थी। उस नगरी में राज रूपसेन का राज हुआ करता …
Read More »विक्रम बेताल की कहानी: बड़ा बलिदान किसका – बेताल पच्चीसी!!
हर बार की तरह राजा विक्रम फिर बेताल को पेड़ से नीचे उतारता है और पीठ पर लादकर उसे योगी के पास ले जाने के लिए चल देता है। ऐसे में एक बार फिर बेताल राजा विक्रम को बोलने पर विवश करने के लिए एक नई कहानी कहना शुरू करता है। कहानी है, राजा रूपसेन और अंगरक्षक वीरवर की। वर्धमान …
Read More »विक्रम बेताल की प्रारंभिक कहानी!!
विक्रम बेताल की प्रारंभिक कहानी कुछ इस प्रकार है। बहुत समय पहले की बात है। उज्जयनी नाम के राज्य में राजा विक्रामादित्य राज किया करते थे। राजा विक्रामादित्य की न्यायप्रियता, कर्तव्यनिष्ठता और दानशीलता के चर्चे पूरे देश में मशहूर थे। यही कारण था कि दूर-दूर से लोग उनके दरबार में न्याय मांगने आया करते थे। राजा हर दिन अपने दरबार में …
Read More »विक्रम बेताल की कहानी: असली वर कौन!!
कई बार बेताल को अपने साथ ले जाने की असफल कोशिश के बावजूद राजा विक्रमादित्य ने हार नहीं मानी थी। इसलिए, राजा विक्रमादित्य फिर से पेड़ के पास पहुंचे और बेताल को अपनी पीठ पर लटका कर ले जाने लगे। अपनी शर्त के अनुसार, बेताल ने फिर से राजा विक्रम को एक कहानी सुनाना शुरू की। इस बार की कहानी …
Read More »विक्रम बेताल की इक्कीसवीं कहानी: सबसे ज्यादा प्रेम में अंधा कौन था!!
सम्राट विक्रमादित्य ने योगी को दिए वचन को पूरा करने के लिए एक बार फिर बेताल को पेड़ से उतारकर अपने कंधे पर बैठा दिया। इसके बाद वह योगी के पास चल दिए। रास्ता तय करने के लिए बेताल ने एक नई कहानी शुरू की। बेताल बोला… बहुत समय पहले की बात है। विशाला नाम के राज्य में पदमनाभ नाम …
Read More »विक्रम बेताल की कहानी: दीवान की मृत्यु!!
कई असफलताओं के बाद राजा विक्रमादित्य ने एक बार फिर बेताल को योगी के पास ले जाने की कोशिश में अपनी पीठ कर लादा और चल पड़े। रास्ता काटने के लिए बेताल ने फिर से राजा को एक नई कहानी सुनानी शुरू की। बहुत पुरानी बात है, यशकेतु नाम के राजा पुण्यपुर नामक राज्य में राज करते थे। उनका सत्यमणि …
Read More »विक्रम बेताल की दसवीं कहानी: सबसे अधिक त्यागी कौन!!
एक बार फिर राजा विक्रमादित्य बेताल को पेड़ से उतारकर योगी के पास जाने के लिए आगे बढ़ता है। हर बार की तरह इस बार फिर बेताल राजन को एक कहानी सुनाता है। बेताल बताता है कि… वीरबाहु नाम का एक राजा था, जो छोटे-छोटे राज्यों पर राज किया करता था। राजा अनगपुर नामक राजधानी में रहता था। उसी राजधानी …
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