जब राम और रावण की सेना के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था और रावण अपने पराजय के समीप था तब इस समस्या से उबरने के लिए उसने अपने मायावी भाई अहिरावण को याद किया जो मां भवानी का परम भक्त होने के साथ- साथ तंत्र – मंत्र का बड़ा ज्ञाता था। उसने अपने माया के दम पर भगवान राम …
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अहंकार
एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वाभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार था।उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को शरारत सूझी। वे सब उस जुलाहे के पास यह सोचकर पहुँचे कि देखें इसे गुस्सा कैसे नहीं आता ? उन में एक लड़का धनवान माता-पिता का पुत्र था। वहाँ पहुँचकर वह बोला …
Read More »मरते वक्त बालि ने, अंगद से कही थी ये तीन बातें . .
मरते वक्त बालि ने, अंगद से कही थी ये तीन बातें रामायण में जब श्रीराम ने बालि को बाण मारा तो वह घायल होकर पृथ्वी पर गिर पड़ा था। इस अवस्था में जब पुत्र अंगद उसके पास आया तब बालि ने उसे ज्ञान की कुछ बातें बताई थीं। बालि ने कहा- देश काल और परिस्थितियों को समझो। किसके साथ कब, …
Read More »संसार में किस तरह के इन्सान को मुक्ति मिलती है
एक महात्मा था, उनके एक शिष्य ने सवाल किया कि संसार में किस तरह के इन्सान को मुक्ति मिलती है ? महात्मा अपने शिष्य को तेज बहाव की नदी पर लेकर गये और जाल डालकर मछलियों को पकडने के लिए कहा। शिष्य ने नदी में जाल फेंका और कुछ मछलियाँ जाल में फंस गई।फिर महात्मा ने शिष्य से सवाल किया …
Read More »भगवान विष्णु के दस अवतार
राम अवतार श्रीहरि के जय–विजय नाम के दो द्वारपाल थे। वे सनकादि ब्रह्मर्षियों के शाप से घोर निशाचर कुल में पैदा हुए। उनके नाम रावण और कुम्भकर्ण थे। उनके अत्याचारों से पृथ्वी कांप उठी। वह पाप के भार को सह न सकी। अन्त में वह ब्रह्मादि देवताओं के साथ भगवान की शरण में गयी। देवताओं की प्रार्थना से परब्रह्म परमात्मा …
Read More »समुद्र मंथन से निकले थे चौदह रत्न
समुद्र मंथन से निकले थे चौदह रत्न, इनमें छिपी है हमारी जीवन पद्धति।पढ़े कौन कौन से हैं चौदह रत्न? मान्यता के अनुसार, धनतेरस के दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा की जाती है। समुद्र मंथन से धन्वतंरि के साथ अन्य रत्न भी निकले थे। आज हम आपको समुद्र मंथन …
Read More »कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था।
कृष्ण और सुदामा का प्रेम बहुत गहरा था। प्रेम भी इतना कि कृष्ण, सुदामा को रात दिन अपने साथ ही रखते थे। कोई भी काम होता, दोनों साथ-साथ ही करते। एक दिन दोनों वनसंचार के लिए गए और रास्ता भटक गए। भूखे-प्यासे एक पेड़ के नीचे पहुंचे। पेड़ पर एक ही फल लगा था। कृष्ण ने घोड़े पर चढ़कर फल …
Read More »संयम अति आवश्यक है
भारत में कई ऐसे सिद्ध तांत्रिक आज भी हैं, जो मात्र भभूत एवं आशीर्वाद के द्वारा असाध्य रोगों को ठीक कर देते हैं। तंत्र साधना की दो विधियां हैं- दक्षिणमार्गी और वाममार्गी। दक्षिणमार्गी शुद्ध सात्विक साधना है जबकि वाममार्गी तंत्र साधना अघोरियों के अघोर तंत्र से संबंध रखती है। ये अघोरी श्मशान एवं प्रेत शक्तियों का सहारा लेते हैं। आयुर्वेद …
Read More »परशु’ प्रतीक है पराक्रम का
परशु प्रतीक है पराक्रम का राम पर्याय है सत्य सनातन का। इस प्रकार परशुराम का अर्थ हुआ पराक्रम के कारक और सत्य के धारक। नारायण के छठे अवतार भगवान परशुराम को कभी सही परिप्रेक्ष्य में समझा ही नहीं गया। नारायण ने एक साथ दो अवतार क्यों लिए? ऐसा हिंस्र अवतार!! नारायण को मनुष्य रूप में लेने की क्या अवश्यकता पड़ी? परशुराम …
Read More »मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी
मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी, पद गा रही थी , एक संगीतज्ञ को लगा कि वह सही राग में नहीं गा रही है! वह टोकते हुये बोले: “मीरा, तुम राग में नहीं गा रही हो। मीरा ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया: “मैं राग में नहीं, अनुराग में गा रही हूँ। राग में गाउंगी तो दुनियां मुझे सुनेगी अनुराग में गाउंगी तो …
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