श्रीकृष्ण भक्त और भगवानएक बार एक मोर नंद गांव में श्री कृष्ण को रिझाने के लिए प्रतिदिन भजन गाता था . लेकिन श्रीकृष्ण उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते थे . श्री कृष्ण के इस व्यवहार से मोर एक दिन रो पडा़. उसी समय एक मैना उधर से गुजरी. उस मोर से पूछने लगी यह तो श्रीकृष्ण का द्वार है …
Read More »God Goddess
बहुत सुँदर कथा 
एक पंडित जी रामायण कथा सुना रहे थे। लोग आते और आनंद विभोर होकर जाते। पंडित जी का नियम था रोज कथा शुरू करने से पहले “आइए हनुमंत जी बिराजिए” कहकर हनुमान जी का आह्वान करते थे, फिर एक घण्टा प्रवचन करते थे।वकील साहब हर रोज कथा सुनने आते। वकील साहब के भक्तिभाव पर एक दिन तर्कशीलता हावी हो गई।उन्हें …
Read More »“रावण को मुक्का मार कर क्यों रोने लगे हनुमान”
हनुमान जी अजर और अमर हैं। हनुमान ऐसे देवता हैं जिनको यह वरदान प्राप्त है कि जो भी भक्त हनुमान जी की शरण में आएगा उसका कलियुग में कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा। जिन भक्तों ने पूर्ण भाव एवं निष्ठा से हनुमान जी की भक्ति की है, उनके कष्टों को हनुमान जी ने शीघ्र ही दूर किया है। हनुमान भक्तों …
Read More »नाग पंचमी
प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ चलने को कहा तो सभी डलिया (खर और मूज की बनी …
Read More »यह है दक्षिण भारत का एक ग्रन्थ
अति दुर्लभ एक ग्रंथ ऐसा भी है हमारे सनातन धर्म मेंइसे तो सात आश्चर्यों में से पहला आश्चर्य माना जाना चाहिए —यह है दक्षिण भारत का एक ग्रन्थक्या ऐसा संभव है कि जब आप किताब को सीधा पढ़े तो राम कथा के रूप में पढ़ी जाती है और जब उसी किताब में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़ेतो कृष्ण कथा …
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“ॐ जय शिव ओंकारा”
यह केवल शिवजी की आरती नहीं है बल्कि ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों की आरती है“ॐ जय शिव ओंकारा”यह वह प्रसिद्ध आरती है जो देश भर में शिव-भक्त नियमित गाते हैं..लेकिन, बहुत कम लोग का ही ध्यान इस तथ्य पर जाता है कि… इस आरती के पदों में ब्रम्हा-विष्णु-महेश तीनों की स्तुति है..एकानन (एकमुखी, विष्णु), चतुरानन (चतुर्मुखी, ब्रम्हा) और पंचानन (पंचमुखी, …
जीवन का कठोर सत्य
भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए।द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए।तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी।चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।उसी समय कैलाश …
Read More »जय श्री राम
कई लोग ये पूछते हैं कि श्रीराम ने धनुष उठा कर स्वयंवर की शर्त तो पूरी कर ही दी थी, फिर उस धनुष को भंग करने की क्या आवश्यकता थी?यदि आप मेरा दृष्टिकोण पूछें तो मैं यही कहूंगा कि उस धनुष की आयु उतनी ही थी। अपना औचित्य (देवी सीता हेतु श्रीराम का चुनाव) पूर्ण करने के उपरांत उस धनुष …
Read More »मयूर पंख
वनवास के दौरान माता सीताजी को पानी की प्यास लगी, तभी श्रीरामजी ने चारों ओर देखा, तो उनको दूर-दूर तक जंगल ही जंगल दिख रहा था। कुदरत से प्रार्थना की~हे वन देवता ! कृपया आसपास जहाँ कहीं पानी हो, वहाँ जाने का मार्ग सुझाईये। तभी वहाँ एक मयूर ने आकर श्रीरामजी से कहा, कि आगे थोड़ी दूर पर एक जलाशय …
Read More »शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित काम
१) गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं२) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं३) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं४) विष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं५) दो शंख एक समान पूजा घर में न रखें६) मंदिर में तीन गणेश मूर्ति न रखें७) तुलसी पत्र चबाकर न खाएं८) द्वार पर जूते चप्पल उल्टे न रखें९) दर्शन करके बापस लौटते समय घंटा …
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