सर्वव्यापक परमात्मा ही भगवान श्रीविष्णु हैं। यह सम्पूर्ण विश्व भगवान विष्णु की शक्ति से ही संचालित है। वे निर्गुण भी हैं और सगुण भी। वे अपने चार हाथों में क्रमश: शंक, चक्र, गदा और पद्म धारण करते हैं। जो किरीट और कुंडलों से विभूषित, पीतांबरधारी, वनमाला तथा कौस्तुभमणि को धारण करने वाले, सुंदर कमलों के समान नेत्र वाले भगवान श्रीविष्णु …
Read More »God Leela
माखन लेने की अनोखी रीति
एक दिन माता यशोदा दही मथकर माखन निकाल रहीं थीं। अचानक मां को आनन्द देने के लिए बलराम और श्याम उनके निकट पहुंच गए। कन्हैया ने मां की चोटी पकड़ ली और बलराम ने मोतियों की माला- दोनों मां को अपनी तरफ खींचने का प्रयास करने लगे। बलराम कहते थे, मां तुम पहले मेरी सुनों! और कन्हैया कहते थे कि …
Read More »कन्हैया की दृष्टि चन्द्रमा पर पड़ी
एक दिन की बात है। यशोदा मैया गोपिओं के साथ कान्हा की बाल-सुलभ लीलाओं की चर्चा कर रही थीं। खेलते-खेलते अचानक कन्हैया की दृष्टि चन्द्रमा पर पड़ी। उन्होंने पीछे से आकर यशोदा मैया का घूंघट उतार लिया। अपने कोमल करों से उनकी चोटी पकड़ कर खींचने लगे और बार-बार पीठ थपथपाने लगे। श्रीकृष्ण बोले मां! मैं लूंगा। जब मैया के …
Read More »शनैश्चर की शरीर कांति इंद्रनीलमणि के समान है।
शनैश्चर की शरीर कांति इंद्रनीलमणि के समान है। इनके सिर पर स्वर्णमुकुट गले में माला तथा शरीर पर नीले रंग के वस्त्र सुशोभित हैं। ये गीध पर सवार रहते हैं। हाथों में क्रमश: धनुष, बाण, त्रिशुल और वरमुद्रा धारण करते हैं। शनि भगवान सूर्य तथा छाया (संवर्णा) के पुत्र हैं। ये क्रूर ग्रह माने जाते हैं। इनकी दृष्टि में जो …
Read More »वामनअवतार
एक समय की बात है। युद्ध में इन्द्र से इन्द्र से हारकर दैत्यराज बलि गुरु शुक्राचार्य की शरण में गये। शुक्राचार्य ने उनके अन्दर देवभाव जगाया। कुछ समय बाद गुरू कृपा से बलि ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। प्रभु की महिमा कितनी विचित्र है कि कलका देवराज इन्द्र आज भिखारी हो गया। वह दर-दर भटकने लगा। अन्त में अपनी …
Read More »बोलो ठाकुर प्यारे की जय।
एक सासु माँ और बहू थी। 🐾 सासु माँ हर रोज ठाकुर जी पूरे नियम और श्रद्धा के साथ सेवा करती थी। 🐾 एक दिन शरद रितु मेँ सासु माँ को किसी कारण वश शहर से बाहर जाना पडा। 🐾 सासु माँ ने विचार किया के ठाकुर जी को साथ ले जाने से रास्ते मेँ उनकी सेवा-पूजा नियम से नहीँ …
Read More »माता लक्ष्मी पांच काम की सीख लेकर आई हैं
1.तुम्हारे कर्म ही तुम्हारी अच्छाई का निर्माण करते हैं। जैसे चाहकर भी तुम परछाई को अपने से अलग नहीं कर सकते ठीक इसी प्रकार तुम्हारे कर्म भी तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ते। 2.जैसे प्रकाश के अभाव में परछाई नहीं दिखती ऐसे ही अज्ञान के अन्धकार में तुमको अपने कर्मों का परिणाम भी नजर नहीं आता तो यह मान लेते हो कि …
Read More »पलकों के झपकने के पीछे की कथा
पुराणों में छोटी-छोटी बातों का भी वर्णन आता है. हम समय-समय पर इनसे जुड़ी कथाएं लेकर आते रहते हैं. आज मैं आपको हमारी पलकों के झपकने के पीछे की कथा लेकर आया हूं. पलकें झपकने को लेकर देवी भागवत पुराण एवं अन्य पुराणों में एक कथा है. इस कथा का संबंध माता सीता के पूर्वजों से हैं. आज वह कथा …
Read More »नृसिंहावतार
हिरण्याक्ष के वध से उसका भाई हिरण्यकशिपु बहुत दु:खी हुआ। वह भगवान का घोर विरोधी बन गया। उसने अजेय बनने की भावना से कठोर तप किया। उसे देवता, मनुष्य या पशु आदि से ना मरने का वरदान मिला। वरदान पाकर वह अजेय हो गया। हिरण्यकशिपु का शासन इतना कठोर था कि देव- दानव सभी उसके चरणों की वंदना करते रहते …
Read More »गणपति बप्पा की जय बोलो
जय बोलो जय बोलो गणपति बप्पा की जय बोलो। सिद्ध विनायक संकट हारी विघ्नेश्वर शुभ मंगलकारी सबके प्रिय सबके हितकारी द्वार दया का खोलो जय बोलो जय बोलो पारवती के राज दुलारे शिवजी की आंखों के तारे गणपति बप्पा प्यारे प्यारे द्वार दया का खोलो जय बोलो जय बोलो। शंकर पूत भवानी जाये गणपति तुम सबके मन भाये तुमने सबके …
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