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God Leela

“रावण को मुक्का मार कर क्यों रोने लगे हनुमान”

हनुमान जी अजर और अमर हैं। हनुमान ऐसे देवता हैं जिनको यह वरदान प्राप्त है कि जो भी भक्त हनुमान जी की शरण में आएगा उसका कलियुग में कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएगा। जिन भक्तों ने पूर्ण भाव एवं निष्ठा से हनुमान जी की भक्ति की है, उनके कष्टों को हनुमान जी ने शीघ्र ही दूर किया है। हनुमान भक्तों …

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नाग पंचमी

प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ चलने को कहा तो सभी डलिया (खर और मूज की बनी …

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कौन सा फूल किस देवता को चढ़ता है ?

पूजा के दौरान देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए हम बहुत-सी ऐसी चीजें अर्पित करते हैं, जो उन्हें प्रिय होती हैं. इन्हीं में से एक हैं फूल. हिंदू धर्म में फूलों का विशेष महत्व है. अत्यंत पवित्र होने के कारण इन्हें पूजा के दौरान देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है. हर फूल का अपना अलग महत्व होता है. आइए जानते …

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यह है दक्षिण भारत का एक ग्रन्थ

अति दुर्लभ एक ग्रंथ ऐसा भी है हमारे सनातन धर्म मेंइसे तो सात आश्चर्यों में से पहला आश्चर्य माना जाना चाहिए —यह है दक्षिण भारत का एक ग्रन्थक्या ऐसा संभव है कि जब आप किताब को सीधा पढ़े तो राम कथा के रूप में पढ़ी जाती है और जब उसी किताब में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़ेतो कृष्ण कथा …

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“ॐ जय शिव ओंकारा”🙏🙏

यह केवल शिवजी की आरती नहीं है बल्कि ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों की आरती है“ॐ जय शिव ओंकारा”🙏🙏यह वह प्रसिद्ध आरती है जो देश भर में शिव-भक्त नियमित गाते हैं..लेकिन, बहुत कम लोग का ही ध्यान इस तथ्य पर जाता है कि… इस आरती के पदों में ब्रम्हा-विष्णु-महेश तीनों की स्तुति है..एकानन (एकमुखी, विष्णु), चतुरानन (चतुर्मुखी, ब्रम्हा) और पंचानन (पंचमुखी, …

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जीवन का कठोर सत्य

भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए।द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए।तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी।चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।उसी समय कैलाश …

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जय श्री राम

कई लोग ये पूछते हैं कि श्रीराम ने धनुष उठा कर स्वयंवर की शर्त तो पूरी कर ही दी थी, फिर उस धनुष को भंग करने की क्या आवश्यकता थी?यदि आप मेरा दृष्टिकोण पूछें तो मैं यही कहूंगा कि उस धनुष की आयु उतनी ही थी। अपना औचित्य (देवी सीता हेतु श्रीराम का चुनाव) पूर्ण करने के उपरांत उस धनुष …

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मयूर पंख

वनवास के दौरान माता सीताजी को पानी की प्यास लगी, तभी श्रीरामजी ने चारों ओर देखा, तो उनको दूर-दूर तक जंगल ही जंगल दिख रहा था। कुदरत से प्रार्थना की~हे वन देवता ! कृपया आसपास जहाँ कहीं पानी हो, वहाँ जाने का मार्ग सुझाईये। तभी वहाँ एक मयूर ने आकर श्रीरामजी से कहा, कि आगे थोड़ी दूर पर एक जलाशय …

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श्रीराम के अवतार के समय

माना जाता है कि श्रीराम अवतार के समय हनुमान जी को स्वयं भगवान श्रीराम नेअमर होने का आशीर्वाद दिया था।इसी कारण हनुमानजी का प्रताप चारों युगों में रहा हैऔर आगे भी रहेगा, क्योंकि वे अजर-अमर हैं।अंजनी सुत जब तक चाहें शरीर में रहकरइस धरती पर मौजूद रह सकते हैं।माना जाता है कि पूरे ब्रह्मांड में हनुमानजी ही एकमात्र ऐसे देवता …

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तीन प्रकार के प्रारब्ध होते हैं-

मन्द प्रारब्धतीव्र प्रारब्ध3.तरतीव्र प्रारब्ध।मंद प्रारब्ध…. को तो आप वैदिक पुरुषार्थ से बदल सकते हैं,तीव्र प्रारब्ध…..आपके पुरुषार्थ एवं संतों-महापुरुषों की कृपा से टल सकता है लेकिनतरतीव्र प्रारब्ध…. में जो होता है वह होकर ही रहता है।एक बार रावण कहीं जा रहा था। रास्ते में उसे विधाता मिले। रावण ने उन्हें ठीक से पहचान लिया। उसने पूछाः“हे विधाता ! आप कहाँ से …

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