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God Leela

भगवान श्री राम और केवट संवाद

जब केवट प्रभु के चरण धो चुका, तो भगवान कहते हैं:- भाई, अब तो गंगा पार करा दे।इस पर केवट कहता है – प्रभु, नियम तो आपको पता ही है कि जो पहले आता है उसे पहले पार उतारा जाता है। इसलिए प्रभु अभी थोड़ा और रुकिये। तब भगवान् कहते हैं- भाई, यहाँ तो मेरे सिवा और कोई दिखायी नहीं …

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जय श्री राम और जय हनुमान

एक दिन सुबह सुबह दरवाजे की घंटी बजी । दरवाजा खोला तो देखा एक आकर्षक कद- काठी का व्यक्ति चेहरे पे प्यारी सी मुस्कान लिए खड़ा हैं ।मैंने कहा, “जी कहिए..”तो उसने कहा,अच्छा जी, आप तो रोज़ हमारी ही गुहार लगाते थे,मैंने कहा“माफ कीजिये, भाई साहब ! मैंने पहचाना नहीं, आपको…”तो वह कहने लगे,“भाई साहब, मैं वह हूँ, जिसने तुम्हें …

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नंद के लाला यशोदा के प्यारे

नंद के लाला यशोदा के प्यारेराधा के प्रियतम ओह मोहन प्यारे….-2 वन में थे तुम तो गउए चरातेग्वालिनों से थे माखन चुराते -2गोवर्धन को नक पे थे धारे।राधा के प्रियतम ओह मोहन प्यारे।नंद के लाला यशोदा के प्यारे…… कुंझ गलियां में थे रास रचातेराधिका जी को तुम थे रिझाते -2बंसी बजा के जमुना किनारे।राधा के प्रियतम ओह मोहन प्यारे।नंद के …

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राधा का चरणामृत

आज हम बालकृष्ण और राधा का एक प्रसंग सुनेंगे । एक बार गोकुल में बालकृष्ण बीमार हो गए थे । कोई भी वैद्य, औषधि, जडी-बूटी उन्हें ठीक नहीं कर पा रही थी । गोपियों को यह बात पता चली । गोपियां कृष्ण से मिलने आई । कृष्ण की ऐसी स्थिति देखकर सभी गोपियों की आंखों में आंसू आ गए । …

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नरकासुर वध

आज की यह कहानी दीपावली से संबधित है । भागवत पुराण में बताए अनुसार, भगवान श्रीविष्णु ने वराह अवतार धारण कर भूमि देवता को समुद्र से निकाला था । इसके बाद भूमि देवता ने एक पुत्र को जन्म दिया । उसका नाम भौम था । पिता एक परमदेव और माता पुण्यात्मा होने पर भी पर भौम क्रूर था, इसलिए उसका …

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देवी लक्ष्मी कहां विराजमान रहती है

एक दिन धर्मराज युधिष्ठिर ने पितामह भीष्म से पूछा, ‘‘पितामह ! क्या करने से मनुष्य के दुःखों का नाश होता है ? कोई मनुष्य दुःखी होनेवाला है अथवा सुखी होनेवाला है, यह कैसे समझ सकते हैं ? किसका भविष्य उज्ज्वल होगा और किसका पतन होगा यह कैसे पता चल सकता है ? पितामह भिष्म ने कहां, ‘‘पुत्र इस विषय में …

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भगवान शिवजी का गृहपति अवतार !

भगवान विष्‍णु के अनेक अवतार हुए हैं, वैसेही भगवान शिवजी के भी अवतार हुए है । भगवान शिवजी के अनेक अवतारों में से सातवे अवतार है गृहपति । आज हम उनके इस अवतार की कथा सुनेंगे । नर्मदा नदी के तट पर धर्मपुर नाम का एक नगर था । वहां विश्‍वानर नाम के एक ऋषि और उनकी पत्नी शुचिष्‍मती रहती …

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गोदावरी नदी की जन्‍मकथा

आपने कभी नहाते समय बोला जानेवाला एक मंत्र सुना है ? गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्‍वती ।नर्मदे सिंधु कावेरि जलेऽस्‍मिन् सन्‍निधिं कुरु ॥ इस श्‍लोक का अर्थ है, हे गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्‍वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी नदियों ! मेरे स्नान के इस जल में आप सभी पधारिये और मुझे पवित्र कीजिए । भगवान शिवजी के बारह ज्‍योतिर्लिंग हमारी पवित्र …

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श्री कृष्णजी ने बनाया अपनी बंसूरी से श्रीराधा के लिए कुंड : आइए जाने

एक बार कंस ने भगवान श्रीकृष्‍ण का वध करने के लिए अरिष्टासुर नाम के दैत्‍य को भेजा । अरिष्टासुर गाय के बछडे का रूप लेकर श्रीकृष्‍ण की गायों में शामिल हो गया और उन्‍हें मारने लगा । भगवान श्रीकृष्‍ण ने बछडे के रूप में छिपे दैत्‍य को पहचान लिया । श्रीकृष्‍ण ने उसको पकडा और भूमी पर पटक पटककर उसका …

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#जगन्नाथ_धाम, #पुरी की रसोई अत्यंत अद्भुत है…

172 साल पुराने इस मंदिर के एक एकड़ में फैली 32 कमरों वाली इस विशाल रसोई (150 फ़ीट लंबी, 100 फ़ीट चौड़ी और 20 फ़ीट ऊँची) में भगवान् को चढ़ाये जाने वाले महाप्रसाद को तैयार करने के लिए 752 चूल्हे इस्तेमाल में लाए जाते हैं…और लगभग 500 रसोइए तथा उनके 300 सहयोगी काम करते हैं….ये सारा प्रसाद मिट्टी की जिन …

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