उस बांसुरी वाले की नीले घोड़े वाले की,गोदी में सो जाऊमेरा जी करता है श्याम के भजनों में खो जाऊ, देखि दुनिया दीवानी ये मतलब की मस्तानी,बिन मतलब मुख न जोड़े यह नित नित नाइ कहानीकिस किस को छोडू बाबा किस किस को अपनाऊ,मेरा जी करता है श्याम के भजनों में खो जाऊ, सुख दुःख पहलु जीवन के बस …
Read More »Krishna
Bhar de re shyam jholi bhar de -Shyam ji bhajan
भर दे रे श्याम झोली भर दे भर दे,ना बहलाओ बातों में…. दिन बीते, बीती रातें अपनी कितनी हुई रे मुलाकाते,तुझे जाना पहचाना तेरे झुठे हुए रे सारे वादे,भूले रे श्याम तुम तो भूले, भूले,क्या रखा हैं वादों में,भर दे रे…… नादान हैं अंजान हैं गुरु तू ही तो मेरा भगवान हैं,तुझे चाहु तुझे पाऊ मेरे दिल का यही तो …
Read More »Shyam tere charno ki,agar dhul jo mil jaye -Radhe shyam bhajan
श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए ॥ श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की सुनता हूँ तेरी रहमत, दिन रात बरसती है । एक बूँद जो मिल जाए, दिल की कली खिल जाए ॥ श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे चरणों की यह मन …
Read More »Aao kanhiya aao murari – Kanha bhajan
आओ कन्हैया आओ मुरारी,तेरे दर्र पे आया सुदामा भिखारी, आओ कन्हैया आओ मुरारी,तेरे दर्र पे आया सुदामा भिखारी, क्या मैं बटाओ क्या मैं सूनओ,एक दुख नही जो मैं मॅन में चुपऔ,क्या मैं बटाओ क्या मैं सूनओ,एक दुख नही जो मैं मॅन में चुपऔ,घाट घाट की जानते हो तुम हे मुरारी,घाट घाट की जानते हो तुम हे मुरारी,आओ कन्हैया आओ मुरारी,तेरे …
Read More »एल खेळ नदी बहवे ओ पाणी कित जासी राज
एल खेळ नदी बहवे ओ पाणी कित जासी राज,आधो जासी गळ्या गळ्या आधो इसर न्हासी राज, ईशर घणा बधावणा बहु गौरल जायो पूत राज,कानीराम घौड़ी घूघरा बहु लाडल माथा मोर राज,अलदा ल्यावो परदा ल्यावो बांधन वाळ बंधाओ राज,सार की सुई ल्यावो बाँट का तो तागा राज,सींव रै दरजी रा बेटा है भतीजा नागा राज़, सींवता पोवता दिन दस लाग्या राज …
Read More »सुदामा और श्रीकृष्ण
सुदामा ने एक बार श्रीकृष्ण से पूछा कान्हा, मैं आपकी माया के दर्शन करना चाहता हूं… कैसी होती है?”**********श्री कृष्ण ने टालना चाहा, लेकिन सुदामा की जिद पर श्री कृष्ण ने कहा, “अच्छा, कभी वक्त आएगा तो बताऊंगा। और फिर एक दिन कृष्ण कहने लगे… सुदामा, आओ, गोमती में स्नान करने चलें| दोनों गोमती के तट पर गए। वस्त्र उतारे| …
Read More »वृन्दावन जाऊँगा
वृन्दावन जाऊँगा वृन्दावन जाऊँगामुझको रोको ना मैं तो वृन्दावन जाऊँगा वृन्दावन जाके मैं श्याम संग खेलूंगाश्याम संग खेलूंगा मैं ग्वालो संग खेलूंगासंग में उनके खेलूंगा संग में उनके खेलूंगामुझको रोको ना मैं तो वृन्दावन जाऊँगा वृन्दावन में कान्हा माखन चुरायेगामाखन चुरायेगा वो ग्वालो को खिलायेगासंग में उनके आऊगा संग में उनके आऊगामुझको रोको ना मैं तो वृन्दावन जाऊँगा वृन्दावन में …
Read More »काया नही रे सुहाणी भजन बिन
काया नही रे सुहाणी भजन बिनबिना लोण से दाल आलोणी भजन बिन गर्भवास म्हारी भक्ति क भूली नबाहर हूई न भूलाणीमोह माया म नर लिपट गयोसोयो तो भूमि बिराणी भजन बिन हाड़ मास को बणीयो रे पिंजरोउपर चम लिपटाणीहाथ पाव मुख मस्तक धरीयाँआन उत्तम दीरे निसाणी भजन बिन भाई बंधु और कुंटूंब कबिलाइनका ही सच्चा जायराम नाम की कदर नी …
Read More »श्रीकृष्ण – चरित्र (Krishna – Character)
समदर्शिता भगवान श्रीकृष्ण समदर्शी थे, और उनकी समदर्शिता की सीमा में केवल मनुष्य – समाज ही आता हो, सो बात नहीं, पशु – पक्षी, लता – वृक्ष आदि सभी के लिए उसमें स्थान था । उन्होंने गौओं की सेवा कर पशुओं में भी भगवान का वास दिखलाया । कदंब आदि वृक्षों के तले वन में विहार कर, उभ्दिज्ज – जगत …
Read More »भक्त और भगवान का एक प्यारा रिश्ता
कृष्णा हर दिन एक बाग़ में जाया करते थे और उस बाग़ के सभी पुष्पों को प्यार किया करते थे | बदले में वे सभी पुष्प भी कृष्णा की तरफ अपना प्यार दर्शाया करते थे | उन सभी पुष्पों के चेहरों पर कृष्ण को देखकर एक मधुर मुस्कान आ जाया करती थी | उसी बाग़ में एक बबूल का पेड़ …
Read More »